भोपाल/लखनऊ। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के लिए खतरा कम होता नहीं दिख रहा है। विधानसभा चुानव में बहुमत से दो सीटे दूर रहने पर बसपा के समर्थन के साथ सरकार बनाने में कामयाब हुई कांग्रेस को अब बसपा सुप्रीमों ने एक बार फिर धमकाया है। उन्होंने न्यूज एजेंसी को दिए एक बयान में कहा कि जहां 15 सालों के भाजपा के संकीर्ण शासन समाप्त होने से लोगों ने राहत की सांस ली है, वहीं नई सरकार का आरंभिक काम जनता को संतुष्ट करने वाला व जनहितैषी नहीं लग रहा है। उन्होंने इसके साथ ही वोटों के बंटवारे को रोककर विरोधियों की साजिशों को नाकाम करने को कहा है।
मायावती ने रविवार को केंद्रीय कार्यालय नई दिल्ली में लोकसभा चुनाव तैयारियों की राज्यवार समीक्षा की। उनके समक्ष मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद वहां के नए राजनीतिक हालात पर ब्यौरा प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में विभिन्न प्रकार की जुल्म-ज्यादती व सरकारी आतंक का पिछला क्रम अभी भी जारी लगता है। ऐसी स्थिति में बसपा को सर्वसमाज के हित में संघर्ष लगातार जारी रखना चाहिए। पिछले विधानसभा चुनाव में जिन कमियों के चलते पार्टी को अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पाए, उन्हें तत्काल दूर किए जाएं। पार्टी व मूवमेंट के हित में मजबूत व दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ लगातार काम करते रहने की जरूरत है।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि कुछ मुट्टीभर स्वार्थी तत्वों ने देश की पूंजी व्यवस्था पर अपना हक जमा लिया है। इसके चलते अपेक्षा के अनुसार विकास नहीं हो पा रहा है और न ही महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी व अशिक्षा आदि समाप्त हो पा रही है। उन्होंने संगठन के लोगों को सावधान करते हुए कहा कि ऐसी स्वार्थी ताकतें वोटो का बंटवारा करके अपना राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ हासिल करके सत्ता हथियाने में महारत रखती हैं। इसीलिए सबसे पहले सर्वसमाज में पार्टी का जनाधार बढ़ाने के साथ वोटों के बंटवारे के कारण अपनी ताकत को कमजोर होने से बचाना है। ऐसे विभिन्न संगठनों से भी लोगों को सावधान रखना है जो गुलाम मानसिकता रखते हैं और स्वार्थी ताकतों के हांथों में खेलकर डा. आंबेडकर के कारवां को नुकसान पहुंचाते हैं। पिछले विधानसभा आमचुनावों में भी काफी कुछ ऐसा देखने को मिला था।