संसद भवन उद्घाटन पर मायावती सरकार के साथ, कहा – सरकार ने बनवाया, इसलिए बहिष्कार अनुचित

Amit Sengar
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New Parliament inauguration : नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों द्वारा होना है जिसको लेकर सियासी संग्राम शुरू हो गया है वहीं विपक्षी पार्टियों का कहना है कि इस नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथों से होना चाहिए। लेकिन इस पूरे मामले को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती केंद्र सरकार के पक्ष में आ गई हैं। उन्होंने कहा है कि संसद का निर्माण सरकार ने किया है तो उसे इसका पूरा हक है कि वह उद्घाटन भी करें।

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर लिखा है कि केन्द्र में पहले चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो या अब वर्तमान में बीजेपी की, बीएसपी ने देश व जनहित निहित मुद्दों पर हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका समर्थन किया है तथा 28 मई को संसद के नये भवन के उद्घाटन को भी पार्टी इसी संदर्भ में देखते हुए इसका स्वागत करती है।

इसके साथ ही अगले ट्वीट में लिखा- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा नए संसद का उद्घाटन नहीं कराए जाने को लेकर बहिष्कार अनुचित। सरकार ने इसको बनाया है इसलिए उसके उद्घाटन का उसे हक है। इसको आदिवासी महिला सम्मान से जोड़ना भी अनुचित। यह उन्हें निर्विरोध न चुनकर उनके विरुद्ध उम्मीदवार खड़ा करते वक्त सोचना चाहिए था।

वहीं अंतिम ट्वीट में कहा कि देश को समर्पित होने वाले कार्यक्रम अर्थात नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का निमंत्रण मुझे प्राप्त हुआ है, जिसके लिए आभार और मेरी शुभकामनायें। किन्तु पार्टी की लगातार जारी समीक्षा बैठकों सम्बंधी अपनी पूर्व निर्धारित व्यस्तता के कारण मैं उस समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगी। इसके लिए बधाई।

 


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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