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Sat, Dec 20, 2025

महबूबा मुफ्ती ने राहुल गांधी को लिखा पत्र, मुस्लिम उत्पीड़न का मुद्दा संसद में उठाने का किया आग्रह

Written by:Mini Pandey
Published:
पीडीपी चीफ ने असम में हजारों मुस्लिम घरों को ध्वस्त किए जाने और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को मुसलमानों के अधिकार छीनने का प्रयास बताते हुए चिंता जताई।
महबूबा मुफ्ती ने राहुल गांधी को लिखा पत्र, मुस्लिम उत्पीड़न का मुद्दा संसद में उठाने का किया आग्रह

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से संसद के मॉनसून सत्र में देश भर में मुस्लिमों के कथित उत्पीड़न का मुद्दा उठाने का आग्रह किया है। उन्होंने सोमवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि बांग्लादेशियों और रोहिंग्या के नाम पर मुसलमानों को लगातार कठिन परिस्थितियों में धकेला जा रहा है। महबूबा ने दावा किया कि कुछ खबरों में मुसलमानों को समुद्र में धकेलकर देश से निकालने की परेशान करने वाली घटनाएं सामने आई हैं।

महबूबा ने राहुल गांधी को लिखे पत्र में कहा कि वह मुस्लिम समुदाय के साथ हो रहे अत्याचारों और उनके अधिकारों से वंचित किए जाने की घटनाओं से अत्यंत दुखी हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस गंभीर मुद्दे को संसद में उठाना जरूरी है। पीडीपी अध्यक्ष ने यह भी उल्लेख किया कि मौजूदा घृणा और भय के माहौल में कई लोग असहाय महसूस कर रहे हैं और राहुल गांधी उनके लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरे हैं।

हजारों मुस्लिम घरों को किया ध्वस्त

पीडीपी चीफ ने असम में हजारों मुस्लिम घरों को ध्वस्त किए जाने और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को मुसलमानों के अधिकार छीनने का प्रयास बताते हुए चिंता जताई। महबूबा ने कहा कि यह सब मुसलमानों को हाशिए पर धकेलने और उनके मताधिकार से वंचित करने की साजिश का हिस्सा प्रतीत होता है। उन्होंने राहुल से अनुरोध किया कि वह इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर इस मुद्दे को संसद में मजबूती से उठाएं।

विभाजन के समय भारत में रहने का फैसला

पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जिन मुसलमानों ने विभाजन के समय भारत में रहने का फैसला लिया, उन्होंने कांग्रेस के धर्मनिरपेक्ष नेतृत्व पर भरोसा किया था। उन्होंने राहुल गांधी से संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने की अपील की। महबूबा ने चेतावनी दी कि पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की निंदा करने वाला भारत अपने देश में मुसलमानों के साथ हो रहे व्यवहार पर खामोश नहीं रह सकता।