Devmali Village: भारत में कई सारे गांव हैं जो अपने अंदर बेहतरीन इतिहास समेटे हुए हैं। यहां का राजस्थान राज्य अपनी खुबसूरती के लिए जाना जाता है। यहां कई सारे गांव है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। राजस्थान जाने वाले पर्यटक यहां के गांव में जाकर पर्यटन का आनंद जरूर लेते हैं।
आज हम आपको राजस्थान के एक ऐसे गांव के बारे में बताते हैं जो बहुत ही अनूठा है। देवमाली नाम का ये गांव कलयुग में सतयुग की झलक अपने अंदर समेटे हुए है। इस गांव में आज भी पुरखों के दिए गए निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाता है। ये राजस्थान का एक ऐसा गांव है जहां गरीब से लेकर अमीर हर व्यक्ति कच्चे कच्चे घरों में रहता है। आज हम आपको इस गांव की खासियत से रूबरू करवाते हैं।
ऐसा है Devmali Village
देवमाली गांव में एक पहाड़ी है जहां पर गुर्जर समाज के आराध्य भगवान देवनारायण का मंदिर मौजूद है। ये जगह पूरे गांव की आस्था का केंद्र है।
पौराणिक मान्यता के मुताबिक इस गांव के सभी लोग रोज सुबह पूरे पहाड़ की परिक्रमा करते हैं। ये परिक्रमा नंगे पैर की जाती है और इसके पीछे कई सारी आस्थाएं और किवदंतियां जुड़ी हुई है।
देवमाली गांव में नहीं है पक्की छत
इस गांव की पहाड़ी पर जितने पत्थर है उनमें से एक भी पत्थर कोई अपने साथ नहीं के जा सकता है। यहां रहने वाले लोगों के मुताबिक एक बार यहां पर भगवान देवनारायण आए थे और ग्रामीणों की आवभगत से बहुत खुश हुए। उन्होंने गांव वालों से वरदान मांगने को कहा लेकिन किसी ने कुछ भी नहीं मांगा और यह देखकर जाते-जाते भगवान यह कह कर गए कि अगर हमेशा सुख समृद्धि चाहते हो तो कभी भी पक्की छत मत बनाना। उस दिन के दिन से आज तक इस गांव के किसी भी मकान पर पक्की छत नहीं डाली गई है।
जिन लोगों ने इस बात को अंधविश्वास ठहरा कर पक्की छत बनाने की कोशिश की उन्हें किसी न किसी तरह सेखामियाजा भुगतना पड़ा। उनका नुकसान होता देखकर यहां के लोगों ने अपने बुजुर्गों की बताई गई बात को गांठ बांध लिया और आज तक यहां पक्की छत का निर्माण नहीं हुआ है।
अरबपति घर हो या फिर किसी गरीब का सामान्य सा मकान यहां सभी की छत कच्ची है और यही विशेषता राजस्थान के देवमाली गांव को अन्य जगहों से अलग और अनोखी बनाती है।
भगवान देवनारायण का है आशीर्वाद
बुजुर्गों द्वारा बताई गई बातों का पालन यहां रहने वाला हर व्यक्ति करता है, यही वजह है कि यहां हमेशा शांति बनी रहती है। कोई भी यहां परंपराओं को तोड़कर उससे अलग जाने के बारे में नहीं सोचता है और पशुपालन के जरिए ही ग्रामीण अपना जीवन यापन करते हैं।
इस गांव की जनसंख्या सिर्फ 1500 है जिनमें सभी गुर्जर जाति के लोग हैं। इनमें से ज्यादा लोग लावड़ा गोत्र के हैं जो यहां निवास करते हैं। ये लोग अपने आराध्य भगवान देवनारायण के साथ प्रकृति का पूजन अर्चन करते हैं। यहां एक और हैरान कर देने वाली बात यह है कि एक भी इंच जमीन पर ग्रामीणों का नाम नहीं है बल्कि वह इसे भगवान देवनारायण की कृपा मानते हैं।
इस वेकेशन में अगर आप भी घूमने फिरने का प्लान बना रहे हैं और खूबसूरत रेगिस्तान के राज्य राजस्थान में जाने के बारे में सोच रहे हैं। तो यहां के अजमेर के पास मौजूद अनोखे गांव का दीदार करना बिल्कुल भी ना भूलें। देवमाली में बना हुआ हर कच्चा और खूबसूरत घर आपको कलयुग के इस दौर में सतयुग की सुंदरता का एहसास करवाएगा।
यहां के कच्चे घरों को भी खूबसूरत तरीके से सजाया जाता है। जिस वजह से यह बहुत ही आकर्षक लगते हैं और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इसके अलावा पहाड़ी पर बसे भगवान देवनारायण का मंदिर भी लोगों की आस्था का केंद्र है।