महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के बीच हिंदी थोपने के मुद्दे पर तीखी बयानबाजी तेज हो गई है। शनिवार को दुबे ने ठाकरे पर नया हमला बोला जिसमें उन्होंने कहा कि उन्होंने राज ठाकरे को हिंदी सिखा दी। यह विवाद तब शुरू हुआ जब ठाकरे ने अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं को ‘जो मराठी नहीं बोलते, उन पर हमला करो’ की सलाह दी थी। इसके जवाब में दुबे ने अप्रत्यक्ष रूप से कहा था कि तुमको पटक-पटक के मारेंगे।
शुक्रवार को राज ठाकरे ने दुबे के बयान पर पलटवार करते हुए उन्हें मुंबई आने की चुनौती दी और कहा, “मुंबई के समुद्र में डुबो-डुबो के मारेंगे।” ठाकरे ने दुबे के बयान “मराठी लोगों को हम यहां पटक-पटक के मारेंगे” का जिक्र करते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी। यह बयानबाजी महाराष्ट्र में हिंदी और मराठी के बीच बढ़ते तनाव का हिस्सा है जो हाल ही में बीजेपी सरकार द्वारा प्राथमिक स्कूलों में हिंदी अनिवार्य करने के फैसले को वापस लेने के बाद और गहरा गया।
मराठी न बोलने के कारण हमला
हाल ही में एमएनएस कार्यकर्ताओं पर मराठी न बोलने के कारण एक स्थानीय दुकानदार और ठाणे में एक खाद्य स्टॉल मालिक पर कथित तौर पर हमला करने के आरोप लगे हैं। ये घटनाएं मराठी अस्मिता को लेकर राज ठाकरे के आक्रामक रुख को दर्शाती हैं। ठाकरे ने हाल ही में अपने चचेरे भाई और शिव सेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के साथ मंच साझा कर महाराष्ट्र में राजनीतिक माहौल को और गरम कर दिया है।
हिंदी को थोपने का लग रहा आरोप
महाराष्ट्र में ‘हिंदी बनाम मराठी’ विवाद तब और बढ़ गया जब बीजेपी सरकार ने हिंदी को प्राथमिक स्कूलों में अनिवार्य करने वाले दो सरकारी प्रस्तावों को विपक्ष (विशेष रूप से एमएनएस) के विरोध के बाद वापस लिया। ठाकरे ने हिंदी थोपने को आत्मघाती कदम करार दिया था। इस विवाद ने न केवल भाषाई तनाव को उजागर किया है बल्कि राज्य में सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच राजनीतिक खींचतान को भी बढ़ा दिया है।





