प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में 3 बड़े फैसलों पर मुहर लगी है। जिसमें भारत की जनगणना 2027 के लिए 11,718.24 करोड़ रुपये के बजट के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही कोयला लिंकिंग नीति के लिए ‘कोल सेतु’ (CoalSETU) पर मुहर लगी है। तीसरा निर्णय नारियल किसानों के हित में लिया गया है। केंद्र सरकार ने कोपरा-2026 (Copra) सीजन के लिए MSP पर नीतिगत अनुमति दी है।
दो चरणों में होगी जनगणना
मोदी कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि जनगणना 2027 पहली डिजिटल जनगणना होगी। जनगणना का डिजिटल डिजाइन डेटा सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह दो चरणों में होगी।
चरण 1: अप्रैल से सितंबर 2026 तक घरों की सूची बनाना और घरों की जनगणना।
चरण 2: फरवरी 2027 में आबादी की गिनती।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि ‘कोल सेतु’ पर भी केंद्र सरकार की मुहर लगी है। भारत कोयले के उत्पादन में आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा है। 2024-2025 में भारत ने ऐतिहासिक रूप से एक अरब टन से ज्यादा कोयले का उत्पादन किया है। पहले कोयले के इंपोर्ट पर हमारी जो निर्भरता थी, अब वो करीब-करीब बहुत कम हो गई है। कोयले के इंपोर्ट पर निर्भरता कम होने से हमने 60 हजार करोड़ रुपये बचाए हैं।
वहीं मोदी कैबिनेट ने 2026 सीज़न के लिए कोपरा के मिनिमम सपोर्ट प्राइस को मंजूरी दी है। मिलिंग कोपरा के लिए 445 रुपए प्रति क्विंटलकी बढ़ोतरी की है। बॉल कोपरा के लिए 400 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है।





