Employees NPS, Old Pension Scheme, OPS 2023 : कर्मचारियों को मोदी सरकार जल्द बड़ा तोहफा दे सकती है राष्ट्रीय पेंशन योजना में संशोधन किया जा सकता है। इस संशोधन में सुनिश्चित किया जाएगा कि सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारियों को कम से कम उनके अंतिम वेतन का 40 से 45% उपलब्ध कराया जाए।
राष्ट्रीय पेंशन योजना में संशोधन के लिए कमेटी का गठन किया गया था। इस मामले में परिचित अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल उच्च स्तरीय पैनल द्वारा सिफारिश की गई है कि कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 40 से 45 फीसद उन्हें पेंशन के रूप में उपलब्ध कराया जाए लेकिन इस पर विचार किया जा रहा है। हालांकि केंद्र सरकार की तरफ से फिलहाल कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
माना जा रहा है कि संशोधित पेंशन योजना बाजार रिटर्न से जुड़ी रहेगी लेकिन सरकार किसी कर्मचारी के अंतिम वेतन का न्यूनतम 40% उसे पेंशन के रूप में उपलब्ध करा सकती है। ऐसे में भुगतान आधार राशि से कम है तो सरकार को पेंशन में कमी को पूरा करने के लिए हस्तक्षेप करना होगा। बता दे वर्तमान में कर्मचारी औसतन 36 से 38% के बीच रिटर्न अर्जित करते हैं।
पुरानी पेंशन योजना की मांग
देशभर में इन दिनों पुरानी पेंशन योजना की मांग बड़े स्तर पर देखी जा रही है। पेंशन का मुद्रा इस समय हर राज्य पर हावी है। कई कांग्रेस शासित राज्य में पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है। ऐसे में पेंशनर्स को रिटायरमेंट के बाद वेतन के 50% मासिक लाभ पेंशन के रूप में उपलब्ध कराए जा रहे हैं। पुरानी पेंशन योजना को लागू करने में राजस्थान छत्तीसगढ़ झारखंड सहित पंजाब और हिमाचल आदि राज्य शामिल है।
हालांकि देश के कई राज्यों को वापस से पुरानी पेंशन प्रणाली पर वापस लौटते देख आरबीआई की तरफ से दिशा निर्देश भी दिए गए है। जिसमें कहा गया है पुरानी पेंशन योजना भविष्य में सरकारों को दिवालियापन की तरफ धकेल सकती है। देश भर के कर्मचारियों को कहना है कि 2004 में शुरू की गई बाजार लिंक्ड पेंशन योजना की कोई गारंटी नहीं है।
क्या है विवाद
इसमें गारंटी आधार राशि प्रदान नहीं की जाती है। विवाद का दूसरा मुद्दा यह भी है कि कर्मचारियों के वेतन से 10% योगदान पर आधारित है। जिसमें सरकार की तरफ से भी 14% योगदान किया जाता है। पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारियों को कोई योगदान नहीं करना होता है। इतना ही नहीं पुरानी पेंशन योजना में मिलने वाली पेंशन टैक्स फ्री है जबकि एनपीएस पेंशनर्स को रिटायरमेंट के समय कोर्स का 60% टैक्स फ्री और शेष 40% को इनकम टैक्स के दायरे में लाया गया है।
ऐसे में राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत केंद्र सरकार के 87 लाख कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10% योगदान करते हैं जबकि सरकार की तरफ से 14% का भुगतान किया जाता है, वहीं अंतिम भुगतान फंड पर रिटर्न के आधार पर निर्भर करता है। ऐसे में कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें स्थिर पेंशन का लाभ मिले ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।