10 साल में बनकर तैयार हुआ इंडिया गेट, आज है भारत की पहचान!

दिल्ली की स्मारक की नींव साल 1921 में ड्यूक ऑफ़ कनॉट ने रखी थी, जिसे मशहूर ब्रिटिश आर्किटेक्चर सर एडमिन लुटियंस ने डिजाइन किया था।

राजधानी दिल्ली में स्थित इंडिया गेट के बारे में अमूमन हर कोई जानता है। भारत में मौजूद इस धरोहर के बारे में बचपन से ही किताबों में पढ़ाया जाता है। दिल्ली आने वाले लोग यहां अवश्य ही घूमने जाते हैं। यह केवल एक स्मारक नहीं, बल्कि दिल्ली की पहचान के अलावा विश्व भर में प्रसिद्ध है। हर साल यहां लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है।

दिल्ली की स्मारक की नींव साल 1921 में ड्यूक ऑफ़ कनॉट ने रखी थी, जिसे मशहूर ब्रिटिश आर्किटेक्चर सर एडमिन लुटियंस ने डिजाइन किया था।

10 में बनकर हुआ तैयार

इंडिया गेट को बनाने में लगभग 10 साल का समय लगा था। साल 1931 में यह पूरी तरह से बनकर तैयार हुआ। इसके आसपास पहले बगीचे में लोग बैठते हैं और शांति के कुछ पल बिताते हैं। इसके अलावा, यहां का खूबसूरत नजारा पर्यटकों का मन मोह लेता है। यह देखने में बहुत ही ज्यादा सुंदर और आकर्षित है। हालांकि, आज हम आपको इसके बारे में कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट्स बताने जा रहे हैं, जो आपको सामान्य ज्ञान लिहाज से भी जानना चाहिए।

सरकारी जमीन में हुआ निर्माण

दरअसल, इंडिया गेट का निर्माण सरकारी जमीन पर किया गया है। हालांकि, पहले यहां पर रेलवे लाइन हुआ करती थी, जो कि दिल्ली को आगरा से जोड़ती थी, लेकिन जब नई दिल्ली को बसाने का मास्टर प्लान तैयार किया गया। तब इस रेलवे लाइन को हटाकर यमुना के पास नहीं रेलवे लाइन बिछाई गई, जो आज भी उपयोग में है। इस जगह पर इंडिया गेट बनाया गया।

शहीद सैनिकों की याद में बनाया गया स्मारक

इंडिया गेट का निर्माण इसलिए कराया गया था, क्योंकि जब पहला विश्व युद्ध हुआ और एंगलो अफगान युद्ध हुआ, तो उसमें करीब 80 हजार भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। जिनकी याद में यह स्मारक बनाया गया, जहां उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है। इस तरह इंडिया गेट पूरे विश्व भर में भी प्रसिद्ध हो गया।


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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