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Sun, Dec 21, 2025

भारत का सबसे कंजूस राजा, 236 बिलियन डॉलर की संपत्ति, फिर भी टूटी कार में करते थे सफर!

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
भारत की धरती पर उन राजाओं का जन्म भी हुआ है, जो दानवीर के नाम से प्रसिद्ध हुए हैं। जिनकी रईसी और दरियादिली आज भी लोग याद करते हैं। हालांकि, आज के आर्टिकल में हम आपको एक ऐसे राजा से मिलवाने जा रहे हैं, जो महाकंजूस थे।
भारत का सबसे कंजूस राजा, 236 बिलियन डॉलर की संपत्ति, फिर भी टूटी कार में करते थे सफर!

भारत के इतिहास में एक से बढ़कर एक राजा और रानियों ने शासन किया है। यह सभी अपने देश की जनता के हित के बारे में सोचते थे। उन्हें अच्छा जीवन देने के लिए हमेशा अपने राजकोष से समय-समय पर दान भी करते रहते थे। इन सभी की कहानियां काफी अलग और दिलचस्प रही है। जनता की भलाई करने के साथ-साथ यह भी दिखाया की परिवार को खुश रखा जा सकता है। राजा अक्सर अपने सेनाओं के साथ लोगों के बीच भेष बदलकर जाया करते थे, ताकि उन्हें होने वाली परेशानियों को वह नजदीक से जान सके और उसका निदान कर सके।

ऐसे तो भारत की धरती पर उन राजाओं का जन्म भी हुआ है, जो दानवीर के नाम से प्रसिद्ध हुए हैं। जिनकी रईसी और दरियादिली आज भी लोग याद करते हैं। हालांकि, आज के आर्टिकल में हम आपको एक ऐसे राजा से मिलवाने जा रहे हैं, जो महाकंजूस थे।

भारत का सबसे कंजूस राजा

वर्तमान की बात करें तो अंबानी फैमिली से भी ज्यादा का मालिक होने के बाद भी यह राजा कंजूस था। रुपये खर्च करने में इसे नानी याद आ जाती थी। आपको बता दें कि खाना भी यह लोहे की प्लेट में खाते थे। दरअसल, इस राजा का नाम मीर उस्मान अली खान है, जिसे साल 1937 में दुनिया का सबसे अमीर इंसान घोषित किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस राजा की कुल संपत्ति 236 बिलियन डॉलर थी।

50 रोल्स रॉयस कार

बता दें कि राजा निजाम के पास 185 कैरेट का जैकब डायमंड था, जिसकी वर्तमान की कीमत 1350 करोड़ रुपये है। खजानों की बात करें यह इतना अधिक था कि उससे ओलंपिक का पुल भरा जा सकता था। उस जमाने में राजा के पास 50 रोल्स रॉयस कारें थीं। इसके बावजूद, वह अपनी पुरानी टूटी हुई कार में सफर किया करते थे। केवल इतना ही नहीं, वह दूसरों की कार को तोहफे के रुप में मांगा करते थे। आलम यह था कि वह 35 सालों तक एक ही टोपी पहनते रहे थे। वह कभी भी कपड़े प्रेस नहीं करवाते थे। कंजूसी के मामले में वह इस कदर आगे थे कि वह सिगरेट भी मेहमानों का फेंका हुआ उठाकर पी लेते थे, ताकि नई के लिए उन्हें रुपये ना खर्च पड़े।

1967 में हुई थी मौत

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गोलकुंडा डायमंड माइंस से इनकम होता था, जो कि 18वीं शताब्दी में दुनिया का एकमात्र हीरे का खदान था। आज भी हैदराबाद में उनका महल बना हुआ है, जिसका नाम फलकनुमा पैलेस है। यह 32 एकड़ में बना है, जिसमें 220 कमरे और 80 फीट लंबी डाइनिंग टेबल है। साल 1893 में बने इस महल की कीमत उस समय 40 लाख रुपए थी। हालांकि, उन्होंने अपने शहर के लिए काफी कुछ किया था। उस्मानिया विश्वविद्यालय, उस्मानिया अस्पताल और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद राजा निजाम की ही देन है। साल 1967 में राजा की मौत हो गई, जिनके अंतिम संस्कार में लगभग 10 लाख लोग एकत्रित हुए थे।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)