भारत का हर एक शहर, जिला, गांव और कस्बा अलग-अलग अहमियत और महत्व के लिए जाना जाता है। इनमें से कुछ नाम ऐसे हैं, जो विश्व भर में प्रसिद्ध है। तो कुछ ऐसे नाम है, जो स्थानीय स्तर पर फेमस है। पूरब से लेकर पश्चिम तक… उत्तर से लेकर दक्षिण तक… हर कोने में स्थित शहर देश के विकास से लेकर लोगों के लिए अपनी अलग भूमिका निभाता है। कुछ शहर सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है, तो कुछ शहर अपने आप में इतिहास समेटे हुए हैं। कुछ शहर उद्योग के लिए जाना जाता है, तो कुछ शहर पर्यटकों के बीच फेमस है। कुछ शहर छात्रों के लिए पढ़ाई का गढ़ है, तो कुछ शहर महंगाई के लिए भी फेमस है। कुछ शहर ऐसे हैं, जहां लोग कम पैसे में भी अपने परिवार का अच्छे से भरण-पोषण कर लेते हैं।
पिछले आर्टिकल में हम आपको भारत के सबसे महंगा शहर, सबसे सस्ता शहर, सबसे सस्ता जिला, सबसे महंगा जिला, आदि से रूबरू करवा चुके हैं। आज हम आपको उस शहर से रूबरू करवाने जा रहे हैं, जो भारत का सबसे प्रदूषित शहर है।

बर्नीहाट (Berniehat)
प्रदुषण का नाम सुनते ही लोगों के मन में सबसे पहले दिल्ली, मुंबई, कानपुर, गुरूग्राम जैसे शहरों का नाम दिमाग में आता है, लेकिन इस शहर का नाम इनमें से नहीं, बल्कि कोई और है। जिसका नाम सुनकर आपको इसपर यकीन नहीं होगा। दरअसल, इस शहर का नाम बर्नीहाट है, जो कि मेघालय राज्य में स्थित है। यहां लोगों को सांस लेने में काफी ज्यादा दिक्कतें होती है, जिसकी वजह से पेड़ पौधे भी झुलस रहे हैं। यहां वायु प्रदूषण इतना अधिक है कि यह स्वास्थ्य के लिए जोखिम बना हुआ है।
इस वजह से होती है दिक्कत
लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ अध्ययन के मुताबिक, प्रदूषण के कारण साल 2009 से साल 2019 तक हर साल लगभग 15 लाख मौत हुई है। इसके 2.5 माइक्रो से छोटे कण, प्रदूषण फेफड़े और रक्त प्रवाह में घुसते हैं, जिससे सांस लेने में समस्या हृदय रोग और कैंसर का खतरा हो सकता है। इसके अलावा, गाड़ी के धुएं, लकड़ी या फिर फसल के कचरा जलाने से भी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती है।
हो सकती है ये समस्याएं
बर्नीहाट का वार्षिक औसत PM 2.5 स्तर 2024 में 128.2 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था, जो कि WHO के सुझाव से 25 गुना ज्यादा है। यह शहर Swiss Group IQAir की लिस्ट में प्रदूषण वाले शहरों में टॉप पर है। जहरीली हवा के कारण यहां त्वचा पर रैशेज, आंखों में जलन, आदि की समस्या होती है। इस शहर में लगभग 80 उद्योग है, जिसमें से कई से अत्यधिक प्रदूषण निकलता है, जिस पर सरकार द्वारा अभी गंभीरता नहीं दिखाई गई, तो यह आगे चलकर काफी नुकसानदायक हो सकता है।