Mukhtar Ansari Death: उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की कल देर रात मौत हो गई। बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी कई मामलों में आरोपी था। अपराध की दुनिया का जाना माना नाम मुख्तार राजनीति का भी खिलाड़ी था। उसने उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपना दबदबा बनाए रखा था। 12 साल से भी कम उम्र में जुर्म की दुनिया में आने वाला अंसारी शायद ही कोई ऐसा अपराध हो जिसमें उसका नाम न जुड़ा हो। आइए जानते है उसके जीवन के कुछ किस्सों के बारे में।
कई मामलों में मिल चुकी है सजा
मुख्तार अंसारी का जन्म उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के युसुफपुर में 30 जून 1963 को हुआ था। उसके पिता का नाम सुभानल्लाह अंसारी था। साथ ही वह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मुख्तार अहमद अंसारी का पोता था। पूर्वांचल की राजनीति पर दबदबा रखने वाले मुख्तार अंसारी पर योगी आदित्यनाथ सरकार सख्त थी। सरकार लगातार मुख्तार अंसारी के गिरोह पर कार्रवाई कर रही थी। बता दें कि उत्तर प्रदेश का माफिया कहा जाना वाला मुख्तार अंसारी को अब तक कुल आठ मामलों में सजा मिल चुकी थी।
अपराध की दुनिया का है बड़ा नाम
मुख्तार अंसारी अपराध की दुनिया का बड़ा नाम है। साल 1988 में हरिहरपुर के सच्चिदानंद राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी का नाम सामने आया था। देखते ही देखते कुछ सालों में पूर्वांचल में हो रही हत्याओं और ठेकेदारी में मुख्तार का नाम सामने आने लगा था। बता दें कि मुख्तार अंसारी मऊ सीट से लगातार पांच बार का विधायक भी रहा है। करीब 40 साल पहले उत्तर प्रदेश की राजनीति में कदम रखने वाला मुख्तार प्रभावशाली नेता बन गया था।
मखनू सिंह गिरोह का सदस्य था मुख्तार
मुख्तार अंसारी 20 साल से भी कम उम्र में मखनू सिंह गिरोह का सदस्य बन गया था। ये गिरोह 1980 के दशक में काफी सक्रिय था। जो कोयला खनन, रेलवे निर्माण, शराब व्यवसाय जैसे क्षेत्रों में लगा हुआ था और अपहरण, हत्या व लूट जैसे कई आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता था। मुख्तार अंसारी की मऊ, गाजीपुर, वाराणसी और जौनपुर में सक्रियता ज्यादा थी। शायद ही कोई ऐसा अपराध हो जिनसे मुख्तार का नाम न जुड़ा हो।