Murshidabad violence: वक्फ़ संशोधन बिल के विरोध में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में भड़की हिंसा का जो तांडव देश ने देखा उसने दिल दहला दिया, हिंसा सुती, धुलियान और जंगीपुर इलाकों में हुई। उपद्रवियों ने सैंकड़ों घर फूंक दिए, जो सामने दिखा उसे निशाना बनाया, इनमें ज्यादातर हिन्दू इलाके थे, हिन्दुओं की दुकानों में तोड़फोड़ की गई, मीडिया के सामने अपनी आपबीती सुनाते हिन्दूओं को पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा, हिंसा में तीन लोगों की मौत और कई लोगों के घायल होने की खबर है। हालाँकि गुरुवार को हाईकोर्ट में सौंपी रिपोर्ट में सरकार ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है
मुर्शिदाबाद जिले के कई इलाकों में वक्फ़ कानून के विरोध में बीती 11-12 अप्रैल को हिंसा भड़क गई थी। ये हिंसा सुती, धुलियान और जंगीपुर इलाकों में हुई। इस हिंसा में तीन लोगों की मौत होने और कई लोगों के घायल होने की ख़बरें सामने आई। धुलियान के मंदिरपाड़ा इलाके में कथित तौर पर कई महिलाओं का उत्पीड़न किया गया। हिंसा के चलते मुर्शिदाबाद में बड़े पैमाने पर पलायन हुआ। पलायन करने वाले लोगों ने खुद को हिन्दू बताते हुए मीडिया को अपनी पीड़ा बताई एक महिला ने कहा कि उसके पति को छोड़ने दंगाइयों के उससे अनैतिक मांग की, एक महिला ने पानी की टंकी में जहर मिलाकर मारने की साजिश की बात कही, पुरुषों ने बताया कि कैसे दंगाइयों ने चुन-चुन कर हिन्दुओं की दुकानों और घरों को निशाना बनाया।

केंद्रीय बल की तैनाती फिलहाल बरक़रार रहेगी
ममता बनर्जी सरकार के फेलियर के चलते जिले के हिंसा वाले क्षेत्रों में अर्थ सनिक बलों को तैनात कर कर दिया गया जो लगातार क्षेत्र में फ्लैग मार्च कर रहे हैं और स्थिति पर नियंत्रण बनाये हुए हैं, इस बीच हिंसा मामले में एक याचिका कलकत्ता हाई कोर्ट में दाखिल की गई गुरुवार को जिसपर सुनवाई हुई और कोर्ट ने कहा कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए केंद्रीय बल की तैनाती फिलहाल मुर्शिदाबाद में जारी रहेगी।
हाई कोर्ट ने सरकार को दिए ये आदेश
न्यायमूर्ति सौमेन सेन और राजा बसु चौधरी की खंडपीठ ने कहा कि हिंसा पीड़ितों के पुनर्वास और बहाली की निगरानी कोर्ट करेगा, अदालत ने भाजपा और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और अन्य पार्टियों के नेताओं को भड़काऊ भाषण नहीं देने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा ऐसी बयानबाजी तनाव बढ़ा सकती है। गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों से भड़की हिंसा के बाद हाई कोर्ट ने शांति बहाली के लिए जिले में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार को हिंसा से प्रभावित लोगों के पुनर्वास की सुविधा के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया। इस समिति में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग और राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के सदस्य शामिल होंगे।
नौ सदस्यीय एसआईटी करेंगी हिंसा मामले की जाँच
उधर मुर्शिदाबाद हिंसा की जांच के लिए पुलिस ने नौ सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है। इस एसआईटी की अध्यक्षता डीआईजी मुर्शिदाबाद रेंज करेंगे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में मुस्लिम मौलवियों से मुलाकात की। धार्मिक नेताओं के साथ बैठक के दौरान, सीएम बनर्जी ने मुर्शिदाबाद हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों को 10 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की थी । उन्होंने यह भी कहा कि वह मुख्य सचिव से इस पर रिपोर्ट दाखिल करने को कहेंगी।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने जांच समिति का गठन किया
हिंसा के चलते मुर्शिदाबाद में बड़े पैमाने पर पलायन हुआ। सैंकड़ों की संख्या में महिलाएं बच्चे भागीरथी नदी पार कर पड़ोसी माल्दा जिले में पहुंचे और वहां बनाये गए कैंपों में शरण ली। हिंसा मामले में महिला आयोग की अध्यक्ष ने बयान जारी कर कहा कि ‘आयोग मुर्शिदाबाद से आ रहीं खबरों को लेकर बेहद चिंतित है। महिलाओं को न सिर्फ हिंसा का सामना करना पड़ा बल्कि उन्हें अपनी गरिमा और अपने घरों को भी छोड़ना पड़ा।
ADGP ने कहा स्थिति नियंत्रण में, अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील
दक्षिण बंगाल के एडीजीपी सुप्रतिम सरकार ने कहा कि स्थिति अब सामान्य है। सीआरपीएफ, राज्य पुलिस और संयुक्त बल तैनात हैं। पश्चिम बंगाल पुलिस के डीजीपी खुद समसेरगंज पुलिस स्टेशन में मौजूद थे। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें। ADGP ने बताया कि हमने एक नियंत्रण कक्ष बनाया है कोई भी व्यक्ति किसी भी समस्या के लिए हमसे किसी भी समय संपर्क कर सकता है।
पश्चिम बंगाल सरकार हाई कोर्ट में सौंपी रिपोर्ट
उधर पश्चिम बंगाल सरकार ने गुरुवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में मुर्शिदाबाद हिंसा की घटनाओं पर रिपोर्ट सौंपी। इसमें बताया कि हिंसा प्रभावित जिले में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है। रिपोर्ट में सरकार ने कहा कि मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर के सभी पुलिस थाना क्षेत्रों में वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर आंदोलन कार्यक्रम 4 अप्रैल से शुरू हो गए थे। विभिन्न संगठनों द्वारा आयोजित विरोध शांतिपूर्ण और अहिंसक थे। 8 अप्रैल को करीब चार से पांच हजार लोगों ने उमरपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग-12 को जाम कर दिया था, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
उपद्रवियों ने SDOP की पिस्तौल छीनी
रिपोर्ट में कहा गया कि भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर ईंट-पत्थर फेंकना शुरू कर दिया और पुलिसकर्मियों को जान से मारने के इरादे से लाठी, धारदार हथियार, लोहे की छड़ियों और घातक हथियारों से हमले किये, एसडीपीओ जंगीपुर की पिस्तौल छीन ली, जिसमें 10 राउंड गोलियां भरी हुई थीं। अनियंत्रित भीड़ ने एसडीपीओ जंगीपुर के सरकारी वाहन, हाईवे पेट्रोलिंग वाहन और अन्य सरकारी संपत्तियों में आग लगा दी थी।
दंगाइयों ने मंदिरों और घरों में की तोड़फोड़
रिपोर्ट के अनुसार, धुलियान शहर में कई स्थानों पर अनियंत्रित भीड़ ने कई निजी दुकानों, मंदिरों और घरों में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी की। हालात बिगड़ने के 4 से 5 घंटे के बाद पुलिस ने राष्ट्रीय राजमार्ग से भीड़ को हटा लिया और पूरे इलाके को नियंत्रण में ले लिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंसा के सिलसिले में मुर्शिदाबाद के जंगीपुर पुलिस जिले में 60 एफआईआर दर्ज की गई हैं।
ममता बनर्जी ने हिंसा के लिए BJP और गृह मंत्री अमित शाह को दोषी बताया
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मुर्शिदाबाद में जो हिंसा हुई, वो BJP ने करवाई है। यह एक प्री-प्लान्ड कम्युनल रायट था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इसमें केंद्र सरकार की एजेंसियों ने भी BJP की मदद की।ममता बनर्जी ने गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अमित शाह का इसमें रोल हो सकता है। ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद हिंसा में BSF की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने फायरिंग की, उसपर कार्रवाई की जाएगी।
योगी आदित्यनाथ ने कहा- लातों के भूत बातों से नहीं मानेंगे
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुर्शिदाबाद हिंसा पर कहा है कि लातों के भूत बातों से नहीं मानेंगे, दंगाई डंडे से ही मानेंगे जिसे बांग्लादेश पसंद, वो बांग्लादेश जाए, बंगाल हिंसा पर कांग्रेस-समाजवादी पार्टी खामोश है, योगी ने कहा बंगाल जल रहा है, वहां की मुख्यमंत्री चुप हैं, वे दंगाइयों को शांतिदूत कहती हैं सेक्युलरिज्म के नाम पर दंगाइयों को खुली छूट दे दी है।