मुस्लिम महिलाओं ने बनाए गाय के गोबर से रामदीप, कहा- सभी धर्म के लोगों को राम के आदर्शों पर चलने की है जरूरत

वाराणसी, डेस्क रिपोर्ट। 14 नवंबर को दीपावली (Deepawali) का त्योहार (festival) पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। सभी जानते है कि दीपावली का त्योहार रोशनी (festival of light) का त्योहार है। इस साल दुनिया से आंतक के अंधेरे (darkness of terror) को पूरी तरह से मिटाने के उद्देश से मुस्लिम महिला फाउंडेशन (Muslim Women Foundation) की महिलाओं द्वारा एक अनोखी पहल (unique initiative) की गई है। इस पहल के तहत मुस्लिम महिलाओं (Muslim Women) के साथ साथ हिंदु महिलाओं द्वारा गाय के गोबर (Cow dung) से दीया (lamp) बनाएं जा रहे है। ये सब प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी(Varanasi) में हो रहा है।

महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे गाय के गोबर के दीये (lamp) को नाम ‘रामदीप’ (Ramdeep) दिया गया है। सभी महिलाओं का कहना है कि वो इस प्रकाश के पर्व को राम (Ram) के नाम के साथ मनाएंगी। ये दीये प्रदुषण मुक्त (pollution free) है और अलग-अलग रंगों और डिजाइनों में काशी के बाजारों में देखने को मिलेंगे। वहीं ये महिलाएं लोगों से चाइना के उत्पादों (Chinese products) के बहिष्कार (boycott) करने की अपील कर रही है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।