भारत एक ऐसा देश है, जिसके हर कोने से लोगों को उनके गंतव्य तक के लिए ट्रेन मिलती हैं, क्योंकि यहां से रोजाना लगभग 1300 से अधिक ट्रेनें संचालित की जाती हैं, जो कि विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। हजारों करोड़ों की संख्या में सफर करने वाले यात्रियों को तरह-तरह की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। करीब 38,000 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर संचालित होने वाली ट्रेन सफर के दौरान कई राज्यों से होकर गुजरती हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है। दूरी और जनसंख्या के आधार पर ट्रेनों के स्टॉपेज निर्धारित किए जाते हैं। भारत में एक्सप्रेस, शताब्दी, दूरंतो, राजधानी, वंदे भारत, सुपरफास्ट ट्रेनों के अलावा लोकल ट्रेन चलाई जाती है। लोग अपनी सुविधा अनुसार सीट बुक करवाते हैं।
आज हम आपको एक ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में बताएंगे, जहां जाने से लोग घबराते हैं। जिसकी वजह कुछ और नहीं बल्कि भूत प्रेत है। यहां आस-पास लोग मंडराना भी पसंद नहीं करते हैं। आइए जानते हैं उन स्टेशनों के बारे में विस्तार से…

ट्रेन में सफर करना बहुत आरामदायक होता है। साथ ही यह किफाइती भी होता है। सस्ता माध्यम होने के कारण ज्यादातर लोग दूर ट्रैवल करने के लिए फ्लाइट के बजाय रेल का ही इस्तेमाल करते हैं। भारत में ऐसे कई रेलवे स्टेशन है, जिनको भूतिया रेलवे स्टेशन कहा जाता है।
बेगुनकोदर
दरअसल, पहला भूतिया रेलवे स्टेशन पश्चिम बंगाल में स्थित है। जिसका नाम बेगुनकोदर है, जो कि भूतिया रेलवे स्टेशन कहलाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस स्टेशन पर लगभग 42 सालों से कोई भी ट्रेन नहीं रुकी है। लोग इसके आसपास भी नहीं भटकते हैं। खास कर रात के समय तो कोई गाड़ी भी यहां नहीं जाती।
नैनी
इसके अलावा, उत्तर प्रदेश का नैनी जंक्शन भी भूतिया रेलवे स्टेशन माना जाता है। स्थानीय लोगों का ऐसा मानना है कि यहां पर रात में अजीबो-गरीब आवाज सुनने को मिलती है, इसलिए लोग यहां रात के समय जाने से कतराते हैं।
बड़ोग
भूतिया रेलवे स्टेशन की लिस्ट में शिमला का बड़ोग रेलवे स्टेशन भी शामिल है, जो कि भारत के सबसे डरावने रेलवे स्टेशनों में से एक है। यहां स्थानीय लोग रात के समय नहीं जाते और ना ही कोई ट्रेन यहां पर रूकती है।
सोहागपुर
इस लिस्ट में चौथा नाम मध्य प्रदेश का है, जहां का सोहागपुर रेलवे स्टेशन भूतिया रेलवे स्टेशन माना जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पर रात में अजीबोगरीब आवाज सुनने को मिलती है। जिस कारण लोग यहां नहीं जाते।