नागालैंड विधानसभा का तीन दिवसीय मॉनसून सत्र मंगलवार से शुरू हो रहा है, जिसमें नागालैंड में शैतानी पूजा पर प्रतिबंध जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा होगी। पूर्व गृह मंत्री और एनपीएफ विधायक कुजोलुजो निएनु ने इस मुद्दे को नियम 54 के तहत तत्काल सार्वजनिक महत्व का मामला उठाया है। विधानसभा सचिवालय ने इसे स्वीकार कर लिया है और यह चर्चा पहले दिन प्रश्नकाल के बाद होगी। ईसाई-बहुल राज्य नागालैंड में इस तरह के मुद्दे पहले विधानसभा में शायद ही उठे हों।
नगरीय विकास और नगरपालिका मामलों के सलाहकार विधायक जालियो रियो ने राज्य के कुछ हिस्सों में शैतानी प्रथाओं की चौंकाने वाली वृद्धि पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि ऐसी गतिविधियां राज्य की गहरी ईसाई आस्था और पारंपरिक मूल्यों को कमजोर करती हैं, साथ ही युवाओं को गुमराह करने का खतरा पैदा करती हैं। रियो ने इसे समाज के नैतिक और आध्यात्मिक आधार के लिए खतरनाक बताते हुए परिवारों पर इसके नकारात्मक प्रभाव और सामाजिक अशांति की आशंका जताई।
सतर्क और सक्रिय रहने की अपील
रियो ने चर्चों, जनजातीय संगठनों, छात्र संगठनों और समुदाय के नेताओं से युवा पीढ़ी की रक्षा के लिए सतर्क और सक्रिय रहने की अपील की। उन्होंने सरकार से जागरूकता अभियान चलाने, संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी करने और ऐसी प्रथाओं को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया। रियो ने चेतावनी दी कि ऐसी प्रथाओं का प्रसार नगा समाज में विभाजन और अशांति पैदा कर सकता है।
आरक्षण नीति की समीक्षा
सत्र के दौरान विधानसभा में पांच प्रमुख जनजातियों द्वारा दशकों पुरानी नौकरी आरक्षण नीति की समीक्षा और इनर लाइन परमिट (आईएलपी) के कार्यान्वयन जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है। इसके अलावा, नागा राजनीतिक मुद्दे पर भी विचार-विमर्श होगा। विधानसभा सचिवालय के अनुसार, इस सत्र में विधायी कार्य, सरकारी रिपोर्ट और अन्य सार्वजनिक महत्व के मुद्दों पर भी ध्यान दिया जाएगा।





