सोमवार रात 8:30 बजे नागपुर के महल इलाके में हिंसा भड़क गई। दरअसल, यह हिंसा औरंगजेब की कब्र विवाद के चलते देखने को मिली। इस दौरान विश्व हिंदू परिषद ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग की और मुगल बादशाह का पुतला जलाया। इसके बाद हिंसा भड़क गई और पथराव व तोड़फोड़ शुरू हो गई। उपद्रवियों ने पुलिस पर भी पथराव कर दिया।
हिंसा के दौरान उपद्रवियों द्वारा घरों पर पथराव किया गया और सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी गई। इस हिंसा के दौरान डीसीपी निकेतन बुरी तरह घायल हो गए। दरअसल, उन पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया था। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।

55 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया
इस हिंसा में 55 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। हिंसा के बाद शहर में BNS की धारा 163 लागू कर दी गई है। इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है और किसी भी प्रकार की हिंसा न फैले, इसे लेकर पुलिस ने 20 टीमें बनाई हैं। वहीं, हिंसा की खबर के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा देर रात ही बैठक की गई। सीएम द्वारा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले को निर्देश दिए गए हैं। कैबिनेट मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले नागपुर के लिए रवाना हुए हैं और सीएम ने उन्हें घटना पर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है।
उपद्रवियों ने अपने चेहरे ढक रखे थे
दूसरी ओर, औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। किसी को भी औरंगजेब की कब्र की ओर जाने की अनुमति नहीं है। एसपी ने जानकारी दी है कि जिले में सीआरपीएफ की एक कंपनी और दो प्लाटून तैनात किए गए हैं। बीती रात हुई हिंसा ने सभी को चिंता में डाल दिया है। दरअसल, उपद्रवियों ने घरों के अंदर घुसकर पत्थरबाजी की और घरों की पार्किंग में रखी गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की। इस दौरान कई लोग गाड़ियों में लगी आग को बुझाने के प्रयास करते नजर आए। चश्मदीदों का कहना है कि उपद्रवियों ने अपने चेहरे ढक रखे थे और उनके हाथों में तलवार, डंडे और बोतलें थीं। अचानक से इन उपद्रवियों ने हंगामा किया और घरों पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया।