ईश्वर को अफीम! श्री सांवलिया सेठ मंदिर से नारकोटिक्स विभाग ने जप्त की तहखाने में रखी 58 किलो अफ़ीम

चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh) के प्रसिद्ध श्री सांवलिया सेठ मंदिर में चढ़ावे के रूप में एकत्रित 58 किलो अफीम को नारकोटिक्स विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया है. मंदिर के तहखाने में सुरक्षित रखी गई इस अफीम को जब्त करने के लिए नीमच और प्रतापगढ़ की नारकोटिक्स टीमों ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर चार घंटे तक चली कार्रवाई को अंजाम दिया.

Bhawna Choubey
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राजस्थान के चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh) के प्रसिद्ध श्री सांवलियाजी सेठ मंदिर में चढ़ावे के रूप में एकत्र 58 किलो से अधिक अफ़ीम को केंद्रीय नारकोटिक्स विभाग ने ज़ब्त कर लिया. नीमच और प्रतापगढ़ से आयी नारकोटिक्स विभाग की दो टीमों ने गुरुवार को मंदिर प्रशासन और मंदिर मंडल के सदस्यों के साथ मिलकर गर्भगृह के नीचे बने तहख़ाने में रखी गई अफ़ीम की जाँच की.

मंदिर मंडल के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार यह कार्रवाई मंदिर प्रशासन के अनुरोध पर की गई, जो पिछले एक साल से अफ़ीम के सुरक्षित निपटान को लेकर पत्राचार कर रहा था. अफ़ीम का वज़न इलेक्ट्रॉनिक कांटे से किया गया और काग़ज़ी प्रक्रिया पूरी करने के बाद इसे नारकोटिक्स विभाग के क़ब्ज़े में सौंप दिया गया.

कैसे हुई कार्रवाई?

कार्रवाई किस तरह से हुई इसे विस्तार से समझने के लिए चलिए जानते हैं, मंदिर मंडल की मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रभा गौतम के अनुसार, प्रतापगढ़ और नीमच से आयी नारकोटिक्स विभाग की टीमें गुरुवार दोपहर मंदिर परिसर पहुँची थी. वहाँ पहुँचकर मंदिर प्रशासन की मदद से ही उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक कांटे की मदद से अफ़ीम का वज़न किया, जो की 58 किलो निकला. आपको बता दें, यह कार्रवाई लगभग चार घंटे तक चली, कार्रवाई के बाद नारकोटिक्स विभाग ने इसे ज़ब्त कर लिया. मिली जानकारी के अनुसार ज़ब्त की गई अफ़ीम को नीमच स्थित नारकोटिक्स विभाग के अफ़ीम क्षारीय कारख़ाने में भेजा जाएगा.

आख़िर मंदिर में क्यों चढ़ाई जाती है अफ़ीम

अब हर किसी के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आख़िर मंदिर में अफ़ीम क्यों चढ़ाई जाती है, दरअसल मेवाड़ और मालवा क्षेत्र के किसान अच्छी फ़सल के लिए भगवान श्री सांवलिया जी से मन्नत माँगते हैं और पूरी होने के बाद अफ़ीम चढ़ाकर उनका धन्यवाद करते हैं. इतना ही नहीं पहले चरणामृत में अफ़ीम मिलाने की परंपरा थी. लेकिन फिर इस बात का ख़ुलासा हुआ कि अफ़ीम का दुरुपयोग किया जा रहा है, अफ़ीम के इस दुरुपयोग की शिकायतों के चलते इसे रोक दिया गया.

अब हर महीने होगी कार्रवाई

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पिछले एक साल से नारकोटिक्स विभाग को मंदिर प्रशासन पत्र लिखकर मामले में कार्रवाई की माँग कर रहा था. लेकिन धार्मिक और आस्था से जुड़े होने के कारण, वहीं कहीं न कहीं राजनीतिक दबाव के चलते पिछले एक साल से माँग करने के बावजूद भी कोई ठोस क़दम नहीं उठाया गया था. जिसके बाद अब जाकर एक RTI कार्यकर्ता द्वारा की गई शिकायत के बाद CBI के नारकोटिक्स विंग और नारकोटिक्स विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया और लगभग 15 दिन पहले विभागीय अधिकारियों ने मंदिर का निरीक्षण किया जिसके बाद गुरुवार को यह कार्रवाई पूरी की गई.

इसके चलते मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रभा गौतम ने बताया कि अब हर महीने के चढ़ावे में आयी अफ़ीम को नारकोटिक्स विभाग या पुलिस को सौंपने की प्रक्रिया अपनायी जाएगी यानी अब हर महीने कार्रवाई की जाएगी. जिससे की अफ़ीम के ग़लत उपयोग को रोका जा सके साथ ही साथ क़ानून का पालन भी सख़्ती से किया जा सके.

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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