Narendra Modi Oath Ceremony : जानिए शपथ के दौरान क्या बोलते है प्रधानमंत्री? हमारे संविधान में क्या है शपथ के नियम? पड़ें यह खबर

Narendra Modi Oath Ceremony : आज, यानी 9 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रधानमंत्री जब शपथ लेते हैं वह दो बार क्यों शपथ लेते हैं और शपथ के दौरान प्रधानमंत्री क्या बोलते हैं?

Narendra Modi Oath Ceremony : आज 9 जून को भारत की राजनीती में एक और अध्याय जोड़ दिया जाएगा। दरअसल आज शाम 7.15 बजे नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण करेंगे। हालांकि यह सरकार एनडीए गठबंधन की सरकार होगी लेकिन नरेंद्र मोदी को दल के प्रमुख नेता के रूप में एनडीए गठबंधन द्वारा चुन लिया गया है। जिसके चलते आज रविवार शाम को तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। जानकारी के अनुसार आज प्रधानमंत्री के साथ एनडीए के कई सांसद और केंद्रीय मंत्री भी शपथ ग्रहण करेंगे।

शपथ क्यों महत्वपूर्ण है?

दरअसल संविधान के अनुसार, सांसद, विधायक, प्रधानमंत्री और मंत्रियों को अपना पद सँभालने से पहले हमारे देश के संविधान के प्रति निष्ठा रखने की शपथ लेनी अनिवार्य होती है। ऐसा नहीं करने पर वे किसी भी सरकारी काम में हिस्सा नहीं ले सकते है। दरअसल बिना शपथ ग्रहण के वे ना ही सदन में सीट प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही बिना शपथ के, निर्वाचित होते हुए भी वे सांसद नहीं माने जाते हैं।

ऐसे ली जाती है प्रधानमंत्री पद की शपथ:

दरअसल अक्सर लोगों के मन में यह सवाल होता है कि प्रधानमंत्री द्वारा शपथ लेने के दौरान क्या कहा जाता है? तो आपको बता दें की इस दौरान प्रधानमंत्री कहते हैं कि “मैं <नाम>, ईश्वर की शपथ लेता हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा। मैं भारत की प्रभुता और अखंडता को अक्षुण्ण रखूंगा। मैं संघ के प्रधानमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक और शुद्ध अंतःकरण से निर्वहन करूंगा। और मैं भय या पक्षपात, अनुराग या द्वेष के बिना सभी प्रकार के लोगों के प्रति संविधान और विधि के अनुसार न्याय करूंगा।”

गोपनीयता की भी ली जाती है शपथ:

इसके साथ ही प्रधानमंत्री द्वारा गोपनीयता की भी सपथ ली जाती है। वहीं इस दौरान प्रधानमंत्री द्वारा शपथ ली जाती है कि “मैं <नाम>, ईश्वर की शपथ लेता हूं कि जो विषय संघ के प्रधानमंत्री/मंत्री के रूप में मेरे विचार के लिए लाया जाएगा अथवा मुझे ज्ञात होगा, उसे किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों को तब के सिवाय जबकि प्रधानमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिए ऐसा करना अपेक्षित हो, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संसूचित या प्रकट नहीं करूंगा।”

संविधान में शपथ के नियम:

दरअसल अनुच्छेद 75 के अनुसार, प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति के सामने शपथ ग्रहण करनी होती है। जानकारी दे दें कि शपथ लेने के लिए एक निर्दिष्ट शपथ पत्र का पालन किया जाता है, जिसे प्रधानमंत्री द्वारा पढ़ा जाता है और उसे स्वीकार किया जाता हैं। वहीं शपथ के बाद एक आधिकारिक प्रमाण पत्र पर शपथ लेने की तारीख और समय अंकित होती है। जिसपर प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर भी करवाए जाते हैं।


About Author
Rishabh Namdev

Rishabh Namdev

मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

Other Latest News