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Sun, Dec 21, 2025

भारत का अंतरिक्ष में नया कमाल, NASA-ISRO लॉन्च करेंगे ‘निसार’, पृथ्वी की होगी निगरानी

Written by:Diksha Bhanupriy
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ISRO और NASA ने मिलकर एक सैटेलाइट तैयार की है जिसे निसार नाम दिया गया है। यह सूर्य की समकालीन कक्षा में स्थापित की जाएगी, जहां से ये पूरी धरती पर नजर रखेगी।
भारत का अंतरिक्ष में नया कमाल, NASA-ISRO लॉन्च करेंगे ‘निसार’, पृथ्वी की होगी निगरानी

अब नासा और इसरो ने पृथ्वी पर नजर रखने की ठान ली है। यह दोनों अंतरिक्ष एजेंसी आज इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार लॉन्च करने जा रही है। ‘निसार’ नाम की यह सैटेलाइट अब अंतरिक्ष से पृथ्वी पर नजर रखने का काम करेगी। बुधवार शाम 5:40 पर इसे श्रीहरिकोटा  के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा। इसे सूर्य समकालिक द्रव्य कक्षा में स्थापित किया जाने वाला है।

भारत में अंतरिक्ष में नया इतिहास रचने की तैयारी कर ली है। नासा के साथ साझेदारी में बनाया गया सेटेलाइट ‘निसार’ आज अंतरिक्ष में अपने सफ़र की शुरुआत करेगा। स्पेस स्टेशन पर काउंट डाउन शुरू हो चुका है। पूरी दुनिया की नजर इस लॉन्चिंग पर टिकी हुई है।

शुरू हुई लॉन्चिंग की उल्टी गिनती

मंगलवार दोपहर 2.30 बजे से ‘निसार’ के लॉन्च की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। इसरो की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक जीएसएलवी F16 निसार को कक्षा में ले जाने के लिए बिल्कुल तैयार है और लांचिंग की उल्टी गिनती शुरू हो गई।

 

निसार रखेगा पृथ्वी पर नजर

यह पहली बार है जब दोनों अंतरिक्ष एजेंसियां एक साथ मिलकर सैटेलाइट लॉन्च कर रही है। ‘निसार’ पूरी धरती पर नजर रखेगा और हर बार दिन बर्फीली सतहों और पूरी पृथ्वी पर स्कैन करेगा। ये 1 सेंटीमीटर तक की फोटो सटीक तरीके से खींच सकता है।

NASA-ISRO ने तैयार किया रडार

‘निसार’ में इसरो की तरफ से तैयार किया गया एस बैंड रडार लगाया गया है। वहीं नासा ने एल बैंड रडार लगाया है। यह विश्व के सबसे उन्नत रडार कहे जा रहे हैं। इस तकनीकी वजह से ज्वालामुखी विस्फोट, भूकंप, सुनामी, बाढ़, भूस्खलन की रियल टाइम निगरानी आसानी से की जा सकेगी।

सतीश धवन स्पेस स्टेशन से 102वां प्रक्षेपण

सतीश धवन स्पेस स्टेशन से जीएसएलवी 16 अपनी 18वीं उड़ान भरने जा रहा है। वहीं स्पेस स्टेशन से ये 102वां प्रक्षेपण है। सूर्य की समकालीन कक्षा में जीएसएलवी रॉकेट पहली बार जा रहा है। इसके पहले भी पृथ्वी पर नजर रखने वाले उपग्रह को प्रक्षेपित किया गया है लेकिन यह भारतीय क्षेत्र तक ही सीमित थे। अब 2,392 किलोग्राम का ‘निसार’ पूरी धरती पर नजर रखेगा।