जब शब्द कम पड़ जाएं, तब फूल बोलते हैं। और फूलों में भी जब बात तो गुलाब की तो जज़्बातों में खुशबू घुल जाती है। खासकर लाल गुलाब..इस रंग के गुलाब से जैसे हर लफ्ज़ महक जाता है। आज नेशनल रेड रोज़ डे हैं। अमेरिका में इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई और धीरे-धीरे दुनियाभर में इसकी महक फैल गई है।
इस दिन का उद्देश्य है लाल गुलाब की सुंदरता, भावनात्मक महत्व और सांस्कृतिक विरासत को सम्मान देना। ये दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए भी समर्पित है जो बागवानी से प्रेम करते हैं और अपने गुलाबों को सालभर सहेजते हैं। लाल गुलाब एक फूल भर नहीं है..जज्बातों का पुलिंदा है। इसीलिए आज के दिन आप भी अपने किसी खास को रेड रोज़ देकर अपनी भावनाओं का इज़हार कर सकते हैं।
क्यों मनाया जाता है नेशनल रेड रोज़ डे
यूं तो हर फूल सुंदर है। लेकिन जब बात हो गुलाब की..उसमें भी लाल गुलाब की तो जैसे एक रेशमी मखमली अहसास तारी हो जाता है। खयालों में खुशबू महकने लगती है और इश्क के रंग आसपास बिखर जाते हैं। हो भी क्यों न..आखिर सदियों से लाल गुलाब प्रेम का प्रतीक जो रहा है।
नेशनल रोज़ डे हर साल 12 जून को मनाया जाता है। गुलाब को ‘फूलों का राजा’ कहा जाता है। ये दिन गुलाब के माध्यम से प्रेम के साथ साथ करुणा, मित्रता और उम्मीद को व्यक्त करने के लिए भी समर्पित है। लाल गुलाब सदियों से गहरे प्रेम, समर्पण और रोमांटिक इमोशंस का प्रतीक माना गया है। यूनानी और रोमन पौराणिक कथाओं में इसे प्रेम की देवियों Aphrodite और Venus से जोड़ा गया है।
इतिहासकार मानते हैं कि प्राचीन मिस्र, चीन और मध्य एशिया में गुलाबों को शाही सम्मान और धार्मिक प्रतीक के रूप में उगाया और पूजा जाता था। वहीं, विक्टोरियन युग में इंग्लैंड में Floriography यानी फूलों की भाषा के ज़रिये लाल गुलाब को गहरे प्रेम का गुप्त संदेश समझा जाता था।
गुलाब: दिल की भाषा
गुलाब एक ऐसी भाषा बोलता है जिसे हर दिल समझता है। लाल फूल किसी प्रेमपत्र की जगह ले सकता है, जब प्यार का इजराक शब्दों से करना कठिन हो तो इसके ज़रिए अपना प्रेम ज़ाहिर किया जा सकता है, रूठे हुए महबूब को मनाने के काम आ सकता है और अपने प्यार के रंग को गाढ़ा करने के लिए भी इसे दिया जा सकता है। इसकी लालिमा में मोहब्बत की गहराई होती है, और इसकी ख़ुशबू में जज़्बातों की रवानी। इस एक गुलाब के माध्यम से आप अपनी सैंकड़ों भावनाओं को व्यक्त कर सकते हैं।
गुलाब का महत्व सिर्फ़ व्यक्तिगत रिश्तों तक ही सीमित नहीं है। कई संस्कृतियों में यह फूल धार्मिक, पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व भी रखता है। प्राचीन रोम, ग्रीस, भारत और चीन सहित कई स्थानों पर गुलाब को प्रेम, सौंदर्य और दिव्यता का प्रतीक माना गया है। इसका उल्लेख कई धार्मिक ग्रंथों के साथ बल्कि कविता, कला और दर्शन में भी मिलता है। साहित्य में तो हमेशा से लाल गुलाब को खास जगह मिली है। तो अगर आपको भी किसी से कुछ कहना है और कह नहीं पा रहे हैं..एक लाल गुलाब लीजिए और अपने मन की बात ज़ाहिर कर दीजिए।





