तो क्या जनवरी 2026 से लागू नहीं हो पाएगा नया वेतन आयोग? जानिए कहां फंस रहा है पेंच? फिटमेंट फैक्टर-वेतन पर क्या पड़ेगा असर?

सातवें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में हुआ था और इसकी रिपोर्ट नवंबर 2015 में जमा हुई थी। जून 2016 में इसे कैबिनेट से मंजूरी मिली और 1 जनवरी 2016 में लागू किया गया।

8th Pay Commission : 31 दिसंबर 2025 को 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है, ऐसे में 1 जनवरी 2026 से 8वें वेतन आयोग को लागू किया जाना है लेकिन अबतक की प्रगति को देखते हुए नहीं लगता है कि 6-7 महीने में केन्द्र सरकार इसे लागू कर पाएगी।चुंकी आम तौर पर नए वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने में करीब 12 से 18 महीने लगते हैं।ऐसी स्थिति में इसकी 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना कम है।

7वे वेतन आयोग की सिफारिशें 2014 में की गई थी, इसके बाद आयोग को रिपोर्ट जमा करने, कैबिनेट की मंजूरी और लागू करने के लिए पर्याप्त समय मिल गया था जिसके चलते इसे जनवरी 2016 में लागू किया गया।लेकिन अभी तक 8वें वेतन आयोग का गठन नहीं हुआ है। इसके टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) भी तय नहीं हुए हैं, ऐसे में 8वां वेतन आयोग जनवरी 2026 से लागू होना संभव नहीं। मामला 2027 तक भी पहुंच सकता है, ऐसे में वेतन वृद्धि, भत्तों और फिटमेंट फैक्टर पर भी बड़ा असर पड़ेगा।अगर 2016 से  वेतन आयोग लागू नहीं हुआ तो एरियर दिया जा सकता है।

फिटमेंट फैक्टर पर क्या पड़ेगा असर?

  • फिटमेंट फैक्टर का केन्द्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी तय करने में अहम रोल माना जाता है।इस फैक्टर के कारण ही केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में ढाई गुना से अधिक की वृद्धि होती है। फिटमेंट फैक्टर एक संख्या है जिसका इस्तेमाल कर्मचारी के मूल वेतन की गणना के लिए किया जाता है।
  • छठे वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.86 था और न्यूनतम मूल वेतन 2,750 रुपये से बढ़कर 7,000 रुपये हो गया था। 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 था जिससे न्यूनतम वेतन 7,000 से बढ़कर 18,000 रुपये हो गया। अगर 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को 2.5 से 2.86 के बीच रखा जाता है तो इससे कर्मचारियों के वेतन में 40,000 से 45,000 रुपये तक की वृद्धि हो सकती है।इसका लाभ 35 लाख कर्मचारियों और 67 लाख पेंशनधारकों को मिलेगा।

8th Pay Commission में DA और HRA होगा रिवाइज?

  • 8वें वेतन आयोग के लागू होने पर मौजूदा महंगाई भत्ता (DA) को बेसिक सैलरी में जोड़ा जाएगा या फिर कोई नया फॉर्मूला तय होगा, इसको लेकर काफी चर्चा तेज है, क्योंकि इससे पहले 2016 में 125% DA को मर्ज कर दिया गया था और DA की गणना फिर से शुरू हुई थी।
  • खबर है कि इस बार भी सरकार DA की गणना के लिए इस्तेमाल होने वाले फार्मूले को बदलने पर विचार कर रही है। 2016 की तरह नए वेतन आयोग में कर्मचारियों के पे स्केल, प्रमोशन, और सैलरी स्ट्रक्चर में बड़े बदलाव हो सकते हैं।
    पिछली बार जहां ‘ग्रेड पे’ को खत्म कर दिया गया था, वहीं पे-मैट्रिक्स सिस्टम लागू किया गया था ।वर्तमान में DA की कैलकुलेशन AICPI-IW इंडेक्स के आधार पर होती है और इसका बेस ईयर 2016 है।
  • HRA में भी बदलाव देखने को मिल सकता है। चुंकी हर वेतन आयोग के साथ हाउस रेंट अलाउंस की दरों में संशोधन किया जाता है। 6वें वेतन आयोग में HRA की दरें 30 प्रतिशत (X शहर), 20 प्रतिशत (Yशहर)और 10 प्रतिशत (Z शहर) की दर से रिवाइज की गई थी।
  • 7वें वेतन आयोग इसे 24, 16 व 8 प्रतिशत रिवाइज किया गया था।50 फीसदी डीए होने पर HRA को बढ़ाकर 30,20, 10 प्रतिशत कर दिया गया, ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि 8वें वेतन आयोग में भी HRA की दरों फिर से बेसिक पे और डीए स्ट्रक्चर के अनुसार रिवाइज किया जा सकता है।

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Pooja Khodani

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