शिमला, डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ आगामी विधानसभा चुनावों से पहले हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग दिनों दिन जोर पकड़ रही है।वही दूसरी तरफ कांग्रेस के घोषणा पत्र में सरकार बनने पर राज्य में पुरानी पेंशन योजना बहाली के वादे ने सियासी गलियारों में भी हलचल तेज कर दी है। नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ ने मांग पूरी ना होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। इसी बीच सीएम जयराम ठाकुर (Jai Ram Thakur) का कांग्रेस के पुरानी पेंशन बहाली के वादे को लेकर बड़ा बयान सामने आया है।
सिरमौर के रोहड़ी में प्रगतिशील हिमाचल, स्थापना के 75 साल कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि आखिर कांग्रेस इस वादे को पहले कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पूरा क्यों नहीं करती। कांग्रेस हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों-पेंशनरों से पुरानी पेंशन बहाल करने का वादा करने से पहले राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बहाल क्यों नहीं करती, इन राज्यों में तो उनकी अपनी सरकार है, ये लोग सिर्फ चुनावी फायदे के लिए ऐसे वादे करते हैं लेकिन अब प्रदेश की जनता गुमराह नहीं होगी।
दरअसल, हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस (Congress) ने 10 गारंटी वाले अपने मिनी चुनावी घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) बहाली का ऐलान कर सियासी पारा हाई कर दिया है। कांग्रेस नेताओं ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में जारी घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन बहाली का भी वादा किया और कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में सरकार पहले ही सभी घोषणाओं को लागू कर चुकी है, सरकार बनने पर हिमाचल में भी पूरी की जाएंगी। संभावना जताई जा रही है कि जयराम ठाकुर सरकार इसे बहाल कर आगामी चुनावों से पहले बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेल सकती है।
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इससे पहले सीएम ने कहा था कि कर्मचारियों को पुरानी पेंशन केंद्र सरकार के समर्थन के बिना नहीं दी जा सकती। हम इसका रास्ता ढूंढ रहे हैं। पुरानी पेंशन पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने बंद की थी,उस समय NPS लागू करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बना था। वही यह भी कहा था कि कर्मचारियों को अपनी मांगें रखने का पूरा अधिकार है, लेकिन सरकार सभी मांगें पूरी की जाए, यह मुमकिन नहीं। प्रदेश की परिस्थितियों के मद्देनजर कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग पूरी होगी या नहीं, यह कहना अभी मुश्किल है।
कर्मचारियों ने दी ये चेतावनी
एनपीएस कर्मचारी महासंघ के कर्मचारियों ने चुनावों से पूर्व उनकी मांग पूरी न होने पर प्रदेश सरकार को खामियाजा भुगतने की चेतावनी दी है। वही क्रमिक अनशन लोकसभा स्तर पर क्रमिक करने का फैसला लिया है। इसके उपरांत सरकार उनकी मांगों पर कोई गौर नहीं करती है तो आने वाले समय में जिला व ब्लॉक स्तर पर भी इस प्रकार के क्रमिक अनशन किए जाएंगे। न्यू पेंशन स्कीम के खात्मे के लिए हिमाचल सरकार ने आनन-फानन में कमेटी का गठन किया है।
आर-पार के मूड में संघ
वही नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ का कहना है कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए लगातार संगठन द्वारा प्रयास जारी है, और सरकार के समक्ष पुरानी पेंशन बहाली के विषय को भी रखा गया है, लेकिन अबतक कोई हल नहीं निकला है, जबकि देश के 2 राज्य में पुरानी पेंशन बहाली की अधिसूचना हो चुकी है और एनपीएस के तहत कटने वाला पैसा बंद हो चुका है और वहां पर जीपीएफ की सुविधा भी शुरू हो चुकी है। इधर, झारखंड में भी पुरानी पेंशन बहाली की अधिसूचना जारी हो चुकी है, लेकिन अबतक हिमाचल में यह लागू नही हो पाई। अगर जल्द पुरानी पेंशन बहाल नहीं होती तो पेंशन बहाली के संघर्ष और तेज होता जाएगा।