लखनऊ, डेस्क रिपोर्ट। 7th Pay Commission के तहत 31 प्रतिशत महंगाई भत्ता और महंगाई राहत के बाद योगी सरकार ने कर्मचारियों व पेंशनर्स (UP Employees and Pensioners )को एक और बड़ी सौगात दी है। उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस योजना लागू करने का आदेश जारी किया गया है, जिसके बाद अब राज्य के सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स बिना पैसा खर्च किए निजी अस्पतालों में इलाज करवा सकेंगे, जिसका खर्चा सरकार उठाएगी।
3.52 लाख शिक्षकों को सौगात, 586 करोड़ रुपए जारी, फरवरी में 15% बढ़कर आएगी सैलरी!
इसके तहत राज्य कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके परिवार के लोगों को निजी अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक के कैशलेस इलाज (cashless treatment) की सुविधा दी जाएगी और इसके लिए स्टेट हेल्थ कार्ड बनाए जाएंगे। ऑनलाइन स्टेट हेल्थ कार्ड बनाने की जिम्मेदारी स्टेट एजेंसी फार हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (सर्विसेज) को दी गई है। खास बात ये है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का उपचार कर रहे प्राइवेट अस्पतालों में यह सुविधा दी जाएगी।हालांकि प्राइवेट अस्पतालों की तरह इलाज में खर्च होने वाली धनराशि की कोई अधिकतम सीमा तय नहीं की गई है।
सभी विभागाध्यक्षों की जिम्मेदारी होगी कि वह अपने विभाग के कर्मियों व पेंशनर्स के स्टेट हेल्थ कार्ड बनवाएं।राज्य सरकार के आदेश के तहत चिकित्सा शिक्षा विभाग चिकित्सा संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों को फंड देने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा 200 करोड़ रुपये का कॉरपस फंड और जिला अस्पतालों में कैशलेस इलाज आदि के लिए 100 करोड़ रुपये का कोष बनाएगा। वहीं कैशलेस चिकित्सा सुविधाओं के लिए बनाए गए कॉरपस फंड से इलाज की लागत का 50 प्रतिशत सरकारी अस्पतालों को दिया जाएगा।
MP Government Jobs 2022: इन पदों पर निकली भर्ती, 30 जनवरी से आवेदन, जानें आयु-पात्रता
खास बात ये है कि ये आदेश चुनाव आयोग (Election Commission) के शनिवार 8 जनवरी 2022 को चुनावों की तारीखों के ऐलान और आचार संहिता के लागू होने से पहले जारी किया गया है। यूपी विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) से पहले इसे योगी सरकार (UP Yogi Government) का सियासी दांव माना जा रहा है। पेंशनरों और कर्मचारियों को साधने के लिए यह आदेश मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है।इससे लाखों कर्मचारियों लाभान्वित होंगे।यूपी के अलावा यह सुविधा अन्य राज्यों में भी कर्मचारियों और पेंशनरों को दी जा रही है।