राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने सतत विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए वर्ष 2023-24 में 63 मिलियन टन से अधिक कचरे का रिसाइकल कर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया। मंगलवार को जारी अपनी दूसरी स्थिरता रिपोर्ट 2023-24 में एनएचएआई ने पर्यावरण, सामाजिक और शासन सिद्धांतों को अपनी परियोजनाओं में शामिल करने की मजबूत रूपरेखा प्रस्तुत की। इस रिपोर्ट में पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा संरक्षण के लिए किए गए विभिन्न प्रयासों की प्रभावशीलता को रेखांकित किया गया है। एनएचएआई ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन की तीव्रता को 1.0 MTCO2e/km से घटाकर 0.8 MTCO2e/km करने में सफलता हासिल की जो निर्माण वृद्धि को उत्सर्जन से अलग करने का स्पष्ट उदाहरण है।
इस अवधि में एनएचएआई ने 20% अधिक राजमार्ग निर्माण किया जिसमें 2022-23 के 5551 किमी की तुलना में 2023-24 में 6634 किमी राजमार्ग बनाए गए। इसके बावजूद, पानी की कमी वाले क्षेत्रों में जल उपयोग की तीव्रता में 74% की कमी आई। एनएचएआई ने 631 लाख मीट्रिक टन रीसायकल और दोबारा उपयोग की गई सामग्री (जैसे फ्लाई-ऐश, प्लास्टिक कचरा और रिक्लेम्ड डामर) का उपयोग किया। एनएचएआई ने राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे 56 लाख पौधे लगाए और 2015 की ग्रीन हाईवे नीति के तहत अब तक 4.69 करोड़ से अधिक पौधे रोपे जा चुके हैं।
प्लास्टिक कचरे का उपयोग
एनएचएआई ने विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में प्लास्टिक कचरे का उपयोग राजमार्ग निर्माण में किया। तमिलनाडु, केरल और दिल्ली के धौला कुआं के पास एनएच-48 के एक हिस्से में पायलट परियोजनाओं के तहत प्लास्टिक कचरे को सतह परतों में शामिल किया गया। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और गुरुग्राम-सोहना राजमार्ग में भी इस नवाचारी दृष्टिकोण का उपयोग किया गया। चार-लेन राजमार्ग के प्रत्येक किलोमीटर के निर्माण में लगभग 7 टन प्लास्टिक कचरे को समाप्त किया गया जिससे पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने में मदद मिली।
परिवहन लागत और समय में कमी
फ्लाई-ऐश और पॉन्ड-ऐश का उपयोग पिछले तीन वर्षों में बढ़ा है जो एनएचएआई की सतत प्रथाओं के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांट्स के 300 किलोमीटर के दायरे में स्थित राजमार्ग परियोजनाओं में इनका उपयोग अनिवार्य किया गया है। स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं के साथ सहयोग से सामग्री की खरीद ने परिवहन लागत और समय को कम किया। परियोजना दक्षता बढ़ाई और स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचाया। एनएचएआई ने अपनी परियोजनाओं में 3300 टन गैर-खतरनाक कचरे को निपटान से बचाया जिससे सर्कुलर अर्थव्यवस्था के सिद्धांतों को और मजबूती मिली।





