इसी बीच नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी द्वारा कुछ राज्यों की तरफ से पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू किए जाने पर भारी चिंता जताई गई है। नीति आयोग की तरफ से लगातार इस मामले में आपत्ति उठाई जा रही है। नीति आयोग ने राज्य सरकारों को लगातार आपत्ति भेजने का कार्य किया है। जिस पर अब सवाल उठाया कि क्या राजस्थान में एक बार फिर से पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया जाएगा।
टैक्सपेयर पर पड़ेगा बोझ
दरअसल राजस्थान सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के साथ ही पीएफआरडीए में जमा कर्मचारियों के पेंशन के आंशिक भाग की मांग की गई थी। हालांकि पीएफआरडीए द्वारा स्पष्ट किया जा चुका है कि यह पैसा कर्मचारियों का कर्मचारियों को ही दिया जाएगा। ऐसे में सवाल उसने कि केंद्र सरकार की तरफ से यदि पैसा नहीं दिया जाता है तो राज्य द्वारा पुरानी पेंशन योजना पर खर्च होने वाली रकम की व्यवस्था कहां से की जाएगी। इतना ही नहीं नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य सरकार की तरफ से उठाए गए इस कदम से भविष्य में टैक्सपेयर पर बड़ा बोझ देखने को मिलेगा।
पुरानी पेंशन योजना पर असमंजस में स्थिति
राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने के बाद भी स्थिति असमंजस में है। इस योजना को लागू करने पर राज्य में सालाना 41 हजार करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ पड़ेगा। राजस्थान सरकार द्वारा मार्च में पुरानी पेंशन योजना को लेकर घोषणा की गई थी। हालांकि वित्त मंत्रालय द्वारा इसे अनुशासनहीनता करार दिया गया था।
नई पेंशन योजना में होंगे महत्वपूर्ण संशोधन
दूसरी तरफ मीडिया रिपोर्ट की माने तो केंद्र सरकार द्वारा नई पेंशन योजना में कुछ महत्वपूर्ण संशोधन किए जा सकते है। अगले वित्तीय वर्ष 2023 24:00 बजे फिट करने से पहले एक बार फिर से केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा r.s.s. से जुड़ी संस्थाओं के कई नेताओं से मुलाकात की गई है। इस दौरान कई नेताओं द्वारा उन्हें पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की सुझाव देने की खबर सामने आ रही है। फिलहाल इस पर सरकार की तरफ से किसी भी तरह की पुष्टि नहीं की गई है।
RSS नेताओं के सुझाव
हालांकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी संस्थाओं के नेताओं ने पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने के साथ ही अगले बजट में 51 को केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की भी सुझाव दिए हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन आय में बढ़ोतरी मुद्रास्फीति से जोड़कर किए जाने पर भी बात की गई है।
श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ ने की पुरानी पेंशन की मांग
द प्रिंट की तरफ से अपनी एक रिपोर्ट में कहा गया कि 28 नवंबर को केंद्रीय वित्त मंत्री से मुलाकात श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ के नेताओं ने पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने के सुझाव दिए। हिमाचल प्रदेश गुजरात विधानसभा चुनाव में पुरानी पेंशन योजना का मामला पूरी तरह से छाया हुआ था। आम आदमी पार्टी द्वारा लगातार इसे लागू करने का वादा किया जा रहा है। अब ऐसे में पुरानी पेंशन योजना के भविष्य पर केंद्र सरकार सहित अन्य राज्य सरकार क्या फैसला लेते यह देखना दिलचस्प होगा। वही पुरानी पेंशन योजना का चुनावी घोषणाओं पर कितना असर होता है। यह तो वक्त ही बताएगा।