केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हरित और नवीकरणीय ऊर्जा शिखर सम्मेलन में कहा कि भविष्य का ईंधन 100 प्रतिशत बायो-एथनॉल होगा। यह बयान सरकार की 2025-26 तक देश में बिकने वाले सभी पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण (E20 योजना) की नीति के बीच आया है, जिसे लेकर जनता में असंतोष बढ़ रहा है। गडकरी ने कहा कि एथनॉल के उपयोग से प्रदूषण में कमी आई है और इसका लक्ष्य वाहनों के कार्बन फुटप्रिंट को कम करना व जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता घटाना है। भारत, जो दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, में प्रति व्यक्ति वाहनों की संख्या भी अधिक है, केवल चीन और अमेरिका ही इस मामले में भारत से आगे हैं।
सरकार की एथनॉल-मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) योजना का हिस्सा E20, देश की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और स्वच्छ वाहन उत्सर्जन सुनिश्चित करने के लिए है। 2022-23 में एथनॉल मिश्रण का औसत 12.06 प्रतिशत था, जो अगले वर्ष 14.6 प्रतिशत हो गया और इस साल फरवरी तक यह 19.6 प्रतिशत तक पहुंच गया। हालांकि, कई कार मालिकों, खासकर पुराने मॉडल के वाहन चालकों ने, इस मिश्रित ईंधन के उनके इंजनों पर प्रभाव को लेकर चिंता जताई है। एक कार मालिक, वेंकटेश अल्ला ने इसे खुला धोखा करार देते हुए पेट्रोलियम मंत्रालय के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है।
चिंताओं को आधारहीन बताया
पेट्रोलियम मंत्रालय ने पिछले हफ्ते इन चिंताओं को ज्यादातर आधारहीन बताया और कहा कि ये वैज्ञानिक प्रमाणों पर आधारित नहीं हैं। मंत्रालय ने स्वीकार किया कि एथनॉल की कम ऊर्जा घनत्व के कारण माइलेज में थोड़ी कमी हो सकती है, लेकिन यह स्वीकार्य सीमा के भीतर है। E10 के लिए डिजाइन किए गए चार-पहिया वाहनों में E20 के उपयोग से माइलेज में एक से दो प्रतिशत की कमी हो सकती है, जबकि अन्य वाहनों में यह तीन से छह प्रतिशत तक हो सकती है।
कच्चे तेल के आयात को कम करना
सरकार ने कहा कि यह मिश्रित ईंधन कार्यक्रम कच्चे तेल के आयात को कम करने के लिए आवश्यक है, खासकर वैश्विक भू-राजनीतिक अस्थिरता के बीच। 2014-15 से अब तक, एथनॉल मिश्रण से 1.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है और 700 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है। इसके अलावा, एथनॉल गन्ने और फसल अवशेषों जैसे कृषि उत्पादों से बनता है, जो इसे पर्यावरण के अनुकूल और आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाता है। इससे किसानों को अब तक 1.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की आय हुई है।





