Nobel Prize 2023 : साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार का ऐलान, नॉर्वे के लेखक जॉन फॉसे को मिला यह सम्मान

Amit Sengar
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Nobel Prize 2023 : साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार का एलान गुरुवार को कर दिया गया। 2023 का नोबेल पुरस्कार नॉर्वे के लेखक जॉन फॉसे को दिया गया। उन्हें उनके अभिनव नाटकों और गद्य के लिए इस सम्मान से नवाजा गया, जो अनकही की आवाज बनते हैं।

किन क्षेत्रों में और क्यों दिए जाते हैं ये नोबेल पुरस्कार

नोबेल पुरस्कार विश्व के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है, ये पुरस्कार कई क्षेत्रों जैसे कि फिजिक्स, केमेस्ट्री, मेडिसिन, साहित्य, शांति, आर्थिक विकास और आर्थिक विज्ञान के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान करने वाले व्यक्तियों या संगठनों को प्रशंसा के रूप में प्रदान किया जाता है। पिछले 12 महीनों में मानवता की भलाई में सबसे अच्छा काम करने वालों ये पुरस्कार दिए जाते हैं यह पुरस्कार स्वीडन के कारोबारी और डाइनामाइट का अविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल के याद में दिए जाते हैं। अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी कमाई का ज्यादातर हिस्सा इस अवॉर्ड के फंड के लिए छोड़ गए थे। पहली बार 1901 में नोबेल पुरस्कार दिया गया था। 1968 में स्वीडन की सेंट्रल बैंक ने इसमें एक और कैटेगरी इकॉनमिक साइंसेस जोड़ी थी।

इतना मिलता है पुरस्कार

नोबेल पुरस्कार जीतने वाले विजेताओं को एक डिप्लोमा, एक मेडल और 10 मिलियन स्वीडिश क्रोना ( आज के करीब 75764727 रुपये) की नगद राशि प्रदान की जाती है। एक श्रेणी में विजेता अगर एक से ज्यादा हों तो पुरस्कार की राशि उनमें बंट जाती है। ये पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि यानी 10 दिसंबर को विजेताओं को सौंपे जाते हैं।

2022 में फ्रेंच लेखिका एनी अर्नो को मिला था पुरस्कार

पिछले साल यानी 2022 के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार फ्रेंच लेखिका एनी अर्नो (Annie Ernaux) को दिया गया था। एनी का जन्म एक सितंबर 1940 को हुआ था। वे एक फ्रांसीसी लेखक और साहित्य की प्रोफेसर हैं। उनका साहित्यिक कार्य ज्यादातर आत्मकथात्मक, समाजशास्त्र पर आधारित होता है।

नोबेल समिति ने कहा था कि अर्नो (82) को यह सम्मान साहस और लाक्षणिक तीक्ष्णता के साथ व्यक्तिगत स्मृति के अंतस, व्यवस्थाओं और सामूहिक बाधाओं को उजागर करने वाली उनकी लेखनी के लिए दिया गया।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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