आपको बता दें कि सीएम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) ने गुरुवार को स्टार्टअप पॉलिसी को भी मंजूरी दे दी है। जो युवा अपना कारोबार शुरू करना चाहते हैं, दिल्ली सरकार उनकी मदद करेगी। पैसे की मदद के साथ-साथ अन्य तरह की भी मदद दिल्ली सरकार करेगी। दिल्ली सरकार ढेर सारी वित्तीय सहायता देगी।इस दौरान सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार भारत की स्टार्टअप राजधानी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि युवाओं को इससे मदद मिलेगी।
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CM अरविंद केजरीवाल ने बताया कि उन्हें कई लोग मिलते हैं, जो कहते हैं कि हमें बिजली सब्सिडी नहीं चाहिए। आप इस पैसे का इस्तेमाल स्कूल खोलने, अस्पताल बनाने में करें। इसी के बाद दिल्ली सरकार ने ये फैसला लिया है। अब लोगों से पूछा जाएगा कि वह सब्सिडी चाहते हैं कि नहीं, अगर चाहते हैं तभी सब्सिडी दी जाएगी। अन्यथा उनकी सब्सिडी खत्म कर दी जाएगी। दिल्ली के उपभोक्ताओं को वर्तमान में 200 यूनिट तक बिजली का जीरो बिल आता है और प्रति माह 201 से 400 यूनिट बिजली की खपत पर 800 रुपये की सब्सिडी मिलती है।
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गौरतलब है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार का यह फैसला केंद्र की मोदी सरकार के मॉडल से मेल खाता है। 2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले सीएम अरविंद केजरीवाल ने बड़ा सियासी दांव खेला था। दिल्ली विद्युत विनियामक प्राधिकरण (डीईआरसी) के फिक्स चार्ज घटाने के फैसले के दूसरे दिन केजरीवाल ने 200 यूनिट तक बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं का बिल माफ कर दिया था।