भारत की असल पहचान गांव से होती है, जहां लोग कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन इत्यादि पर निर्भर होते हैं। गांव में कुछ परिवार रहते हैं, जो कि एक-दूसरे के साथ मिलजुल कर रहते हैं। यहां देश की परंपरा, संस्कृति, रीति-रिवाज देखने को मिलते हैं। महिलाएं एक-दूसरे से मिलजुल कर काम में हाथ बंटाती हैं, बच्चे मिट्टी से जुड़े होते हैं, अर्थात वे खेत-खलिहान में खेल कर बड़े होते हैं।
इन दिनों भारत में शहरों की बजाय विलेज टूरिज्म की ओर पर्यटक ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं, यहां लोगों को कल्चर बहुत ही नजदीक से देखने और जानने का मौका मिलता है। सरकार द्वारा भी इसे बढ़ावा दिया जा रहा है।
समय के साथ हुआ बदलाव
पहले गांव में अलग ही रौनक देखने को मिलती थी। हालांकि, अब समय के साथ बहुत कुछ परिवर्तित हो चुका है, लेकिन अब भी लोग सदियों पुरानी चली आ रही रीति-रिवाज को नहीं भूले हैं। देश के हर एक राज्य में अलग-अलग गांव मौजूद हैं, जो अपने राज्य की संस्कृति को दर्शाते हैं। यहां का खान-पान बहुत ही अलग होता है, लोगों की जीवनशैली शहरों की अपेक्षा बहुत ही ज्यादा अलग और स्वास्थ्यपूर्ण होती है।
करें इन गांवों की सैर
इस लिस्ट में हिमाचल प्रदेश में स्थित मलाणा, नागालैंड में स्थित खोनोमा, हिमाचल प्रदेश में स्थित तोश, सिक्किम में स्थित ज़ुलुक, असम में स्थित माजुली, मेघालय में स्थित लम्हा, छत्तीसगढ़ में स्थित कोरचा, अरुणाचल प्रदेश में स्थित मांगो गांव जा सकते हैं।
मिलेगा सुकून
इन ऑफबीट गांव को एक्सप्लोर करके आपको स्थानीय कलर को नजदीक से जानने का मौका मिलेगा। यहां का खानपान, रहन-सहन, लोकल मार्केट आदि सब आपको आकर्षित करेंगे। यह दिखने में जितना छोटा है, यहां जाकर आपको उतना ही अधिक सुकून और शांति मिलेगी। यह गांव बहुत ही ज्यादा खूबसूरत है। यहां के लोग भी मिलनसार होते हैं और अपने यहां आने वाले पर्यटकों का स्वागत भी भव्य तरीके से करते हैं।
आप भी जाएं जरूर
यदि आप भी विलेज एक्सप्लोर करने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको इन जगहों को जरूर एक्सप्लोर करना चाहिए। जाकर आपको एक अलग अनुभव प्राप्त होगा, जिसे आप कभी भी भूल नहीं पाएंगे। यहां जाने के बाद अमूमन लोगों को लौटने का मन नहीं करता, क्योंकि यहां पुराने जमाने की कुछ झलक भी देखने को मिलती है। साथ ही, यहां बहुत ही ज्यादा रौनक भी होती है, जो आपस में लोगों को एक-दूसरे के करीब लाती है, जो कि शहरों में बहुत ही कम देखने को मिलता है।





