Old Pension Scheme: लाखों कर्मचारियों को मिलेगा लाभ, इन राज्यों में पुरानी पेंशन योजना बहाल, जानिए क्या है ओपीएस-एनपीएस में अंतर

OPS में सरकारी कर्मचारी के रिटायर होने के बाद आखिरी मूल वेतन और महंगाई भत्ते की आधी रकम बतौर पेंशन ताउम्र सरकार के राजकोष से दी जाती है। OPS में हर साल दो बार महंगाई भत्ता भी बढ़कर मिलता है,पेंशन पाने वाले सरकारी कर्मचारी की मौत होने पर उसके परिवार के पेंशन दिए जाना भी ओपीएस में शामिल हैं।

Old Pension Scheme 2023 : आगामी चुनावों से पहले देशभर में पुरानी पेंशन योजना और नई पेंशन योजना को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। एक तरफ राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी गई है, इस संबंध में वित्त विभाग द्वारा अधिसूचना भी जारी कर दी गई है और नियम और शर्तों के लिए एसओपी भी जारी कर दी गई है, इससे लाखों कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। वही दूसरी तरफ केन्द्रीय कर्मचारियों के साथ देश के अलग अलग राज्यों में भी ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से लागू करने की मांग तेज हो गई है।

5 राज्यों में OPS बहाल

दरअसल, ओल्ड पेंशन स्कीम सरकार की तरफ से 2004 से पहले के कर्मचारियों को दी जाने वाली पेंशन थी, इसमें रिटायरमेंट के समय कर्मचारी को उसके अंतिम वेतन की आधी राशि पेंशन के तौर पर दी जाती थी, इसमें पेंशन की राशि कर्मचारी की आखिरी बेसिक सैलरी और महंगाई के आंकड़ों के हिसाब से तय होती थी, लेकिन 1 अप्रैल 2004 से इस योजना को तत्कालीन एनडीए (NDA) सरकार ने बंद कर दिया था, इसकी जगह नई पेंशन योजना लागू की गई।इसके तहत एक जनवरी 2004 से सरकारी सेवा में शामिल होने वाले कर्मचारी नई पेंशन नीति (एनपीएस) के अंतर्गत आते हैं, लेकिन अब 5 राज्यों ने इसे फिर से बहाल कर दिया है, जिसका लाभ लाखों कर्मचारियों को मिलेगा।इनमें से चार कांग्रेस या कांग्रेस गठबंधन की ओर शासित राज्य हैं, जबकि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है।

 इन केन्द्रीय कर्मचारियों को भी लाभ

  1. कर्मचारियों के बढ़ते दबाव के बाद हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार ने कुछ चुनिंदा केंद्रीय कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) का लाभ देने का फैसला किया। इसके तहत जो कर्मचारी 22 दिसंबर 2003 के पहले निकली भर्ती के जरिये सरकारी नौकरी में शामिल हुए है, सिर्फ उसे ही पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा, अन्य को नहीं।
  2. आसान शब्दों में कहें तो सभी केंद्रीय कर्मचारियों  को पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा ।इसके अलावा जिन कर्मचारियों को 22 दिसंबर 2003 के बाद निकली भर्ती के जरिए नौकरी मिली है उन्हें पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा,उन्हें नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme) के तहत पेंशन कवर दिया जाएगा और सरकार ने यह भी साफ किया है कि अगर कोई कर्मचारी नई पेंशन योजना से पुरानी पेंशन योजना (NPS To OPS) में जाने का विकल्प चुन लेते हैं तो वह उनका अंतिम विकल्प माना लिया जाएगा, इसका मतलब है कि वह फिर नई पेंशन योजना में स्विच नहीं कर पाएगें।

जानिए क्या अंतर है OPS और NPS में

  1. OPS में सरकारी कर्मचारी के रिटायर होने के बाद आखिरी मूल वेतन और महंगाई भत्ते की आधी रकम बतौर पेंशन ताउम्र सरकार के राजकोष से दी जाती है। OPS में हर साल दो बार महंगाई भत्ता भी बढ़कर मिलता है,पेंशन पाने वाले सरकारी कर्मचारी की मौत होने पर उसके परिवार के पेंशन दिए जाना भी ओपीएस में शामिल हैं।
  2. NPS एक कंट्रीब्यूटरी स्कीम है, जिसमें कर्मचारियों को अपने वेतन का दस प्रतिशत हिस्सा देना होता है। सरकार कर्मचारी के एनपीएस खाते में 14% भाग डालती है।नई पेंशन योजना के तहत सरकारी कर्मचारी को अपनी पेंशन में मूल वेतन का 10 फीसदी देना होता है और इसमें राज्य सरकार केवल 14% का ही योगदान देती है।
  3. पेंशन कमीशन के लागू होने पर पेंशन रिवाइज्ड होने का फायदा भी रिटायर कर्मचारी को मिलता है।OPS में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद 20 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी मिलती है। ओपीएस में कर्मचारियों के लिए 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू किया जाता है।
  4. नई पेंशन स्कीम के तहत सेवानिवृत्ति पर पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40 फीसदी निवेश करना होता है। सेवानिवृत्ति के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती।एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है। इसमें महंगाई भत्ते का प्रावधान शामिल नहीं है।NPS में सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को कुल वेतन का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर देने का प्रावधान है।
  5. OPS के विपरीत नई पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट पर शेयर बाजार के अनुसार जो भी पैसा मिलेगा,आपको उसपर टैक्स देना होता है।OPS में कर्मचारी के रिटायरमेंट पर GPF के ब्याज पर उसे किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता।
  6. NPS में रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का कोई स्थायी प्रावधान नहीं है।न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में 6 महीने के उपरांत मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू नहीं होता है।