भारत एक ऐसा देश है जहां शिक्षा से लेकर व्यापार तक, लोग हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाते हैं। दूसरे देशों के साथ अच्छे संबंध रखते हुए व्यापार करने की बात हो, तो भारत का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। खासकर गुजराती और मारवाड़ी समुदाय व्यापार के लिए प्रसिद्ध हैं। अगर इतिहास के पन्नों को पलटकर देखा जाए, तो 30 ईसा पूर्व से ही भारत के रोमन साम्राज्य और भूमध्यसागरीय देशों के साथ व्यापारिक संबंध रहे हैं।
भारत में धीरे-धीरे स्टार्टअप्स का चलन बढ़ता जा रहा है। आज के समय में अधिकतर लोग नौकरी की बजाय बिजनेस की ओर रुख कर रहे हैं। वर्तमान की बात करें, तो भारत तेजी से आर्थिक विकास कर रहा है।
भारत की सबसे पुरानी कंपनी
देश में नई-नई कंपनियां और यूनिकॉर्न्स सामने आ रहे हैं। हर कोई बिजनेस और स्टार्टअप की योजना बना रहा है। हालांकि, यह बिजनेस कल्चर नया नहीं है, बल्कि सदियों से भारत के लोग व्यापार करते आ रहे हैं। भारत में कंपनियों की नींव आज़ादी के बाद नहीं, बल्कि उससे पहले ही रखी जा चुकी थी। आज के इस आर्टिकल में हम आपको भारत की सबसे पुरानी कंपनी के बारे में बताएंगे, जिसने आज भी मार्केट में मजबूती से अपनी पकड़ बनाए रखी है। केवल देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी इसने अपना परचम लहराया है। कड़ी मेहनत के बाद यह कंपनी देश की नंबर वन कंपनियों में गिनी जाती है।
वाडिया ग्रुप (Wadia Group)
दरअसल, भारत की सबसे पुरानी कंपनी का नाम ‘वाडिया ग्रुप’ (Wadia Group) है, जिसकी स्थापना बिजनेसमैन लवजी नुस्सरवानजी वाडिया द्वारा की गई थी। सूरत में जन्में पारसी बिजनेसमैन लवजी को साल 1736 में ईस्ट इंडिया कंपनी से जहाज और डॉकयार्ड बनाने का कॉन्ट्रैक्ट मिला था। यहीं से कंपनी की सफलता की रफ्तार तेज हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसके बाद उन्होंने कुल 355 जहाजों का निर्माण किया। अपने व्यापार को बढ़ावा देने के लिए लवजी और उनके भाई सोराबजी ने मिलकर मुंबई का पहला डॉकयार्ड बनाया, जो एशिया का पहला ड्राय डॉक था।
कंपनी का इतिहास
इस कंपनी का इतिहास लगभग 300 साल पुराना है। वाडिया ग्रुप की शुरुआत उस समय हुई जब मुगल बादशाह मोहम्मद शाह की हुकूमत भारत में चल रही थी। 1707 में औरंगजेब की मौत के बाद 1736 में गुजरात के सूरत में रहने वाले वाडिया परिवार ने इस कंपनी की नींव रखी। आज वाडिया ग्रुप की दौलत और ब्रांड वैल्यू अरबों में है। वर्तमान में इस कंपनी का कारोबार एविएशन, हेल्थकेयर, केमिकल और एफएमसीजी सेक्टर में फैला हुआ है। बता दें कि इसी ग्रुप ने 1879 में बॉम्बे डाइंग की स्थापना की थी, जो आज एक जाना-माना ब्रांड है।
कुल वैल्यू
शेयर मार्केट में भी इसका अच्छा-खासा इन्वेस्टमेंट है। वाडिया ग्रुप की कुल वैल्यू या टोटल इक्विटी 51,400 करोड़ रुपये है। इसमें काम करने वाले वर्कर्स को तमाम तरह की सुविधाएं दी जाती हैं और यहां समय-समय पर वैकेंसी भी निकलती रहती है।





