भारत का सबसे पुराना हाईकोर्ट, 150 साल से भी अधिक प्राचीन है इतिहास, बनावट लोगों को करती है आकर्षित!

विभिन्न क्षेत्रों में हाईकोर्ट न्याय प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आज हम आपको भारत के सबसे पुराने हाईकोर्ट के बारे में बताएंगे।

भारत में कानूनी प्रथा देश के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यहां लोगों को न्याय दिया जाता है। इसके अलावा, एक से बढ़कर एक कानून व्यवस्था बनाई जाती है, ताकि लोगों को उनका संपूर्ण अधिकार मिल सके। राष्ट्रीय महत्व के मामलों का समाधान करना हो या ट्रैफिक उल्लंघन जैसे मुद्दों का निपटारा करना हो, न्यायालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत की न्याय व्यवस्था का इतिहास बहुत ही समृद्ध रहा है।

विभिन्न क्षेत्रों में हाईकोर्ट न्याय प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आज हम आपको भारत के सबसे पुराने हाईकोर्ट के बारे में बताएंगे।

सबसे पुराना हाई कोर्ट

दरअसल, भारत का सबसे पुराना हाई कोर्ट कोलकाता हाई कोर्ट है, जिसकी स्थापना 1 जुलाई 1862 को हुई थी। शुरू में इसका अधिकार क्षेत्र कोलकाता, मुंबई और चेन्नई के क्षेत्रों पर था। समय और हालात के साथ न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में कई संशोधन हुए। इस न्यायालय की बनावट काफी ज्यादा खूबसूरत है।

सैंकड़ों साल पुराना इतिहास

इस हाई कोर्ट की इमारत औपनिवेशिक डिजाइन और विशिष्ट भारतीय शैली का मिश्रण है। यह अपने टावर, घड़ी और खिड़कियों के लिए जाना जाता है। पिछले कई वर्षों में कोलकाता हाई कोर्ट ने कई ऐतिहासिक निर्णय दिए हैं, जिन्होंने भारतीय कानूनी फिलासफी को प्रभावित किया है।


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Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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