भारत का सबसे पुराना स्कूल, जहां हिंदुस्तानियों को नहीं मिलता था एडमिशन, आज भी कम फीस में होती है पढ़ाई!

आज हम आपको भारत का सबसे पुराना स्कूल से रूबरू करवाएंगे। यहां की खास बात यह थी कि एक वक्त यहां भारतीयों को एडमिशन नहीं मिलता था।

भारत में इन दिनों पढ़ाई-लिखाई का जज्बा छात्रों के बीच बढ़-चढ़कर देखने को मिलता है। वहीं, बढ़ती महंगाई और स्ट्रगल को देखते हुए पेरेंट्स भी अपने बच्चों को अच्छे-से-अच्छे महंगे स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। भारत में महंगे स्कूलों की कोई कमी नहीं है, जहां की फीस सालाना लाखों रुपए होती है। उन स्कूलों से पढ़कर निकलने वाले बच्चे अवश्य किसी-न-किसी अच्छे संस्थान में बेहतर सैलरी पर काम करते हैं। कुछ लोग अपने बच्चों को विदेश भी पढ़ाई के लिए भेजते हैं। वहीं, सरकार द्वारा भी छात्रों को स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है, जिसकी सहायता से वह अपने भविष्य को संवारते हैं।

आजकल शहर हो या गांव हर स्थान पर एक से बढ़कर एक प्राइवेट स्कूल खोले जा रहे हैं। इसके लिए सरकार द्वारा बनाए गए क्राइटेरिया को पूरा करना होता है। वहीं, हर क्षेत्र में सरकारी स्कूल भी है, जहां बच्चे पढ़ाई के लिए जाते हैं।

भारत का सबसे पुराना स्कूल

आज हम आपको भारत का सबसे पुराना स्कूल से रूबरू करवाएंगे। यहां की खास बात यह थी कि एक वक्त यहां भारतीयों को एडमिशन नहीं मिलता था। यह स्कूल भारत में इंग्लिश मीडियम का पहला स्कूल था। भारत की आजादी से पहले अंग्रेजी हुकूमत ने इसकी स्थापना की थी। दरअसल, इस स्कूल का नाम जॉर्ज एंग्लो इंडियन हायर सेकेंडरी स्कूल (George Anglo Indian Higher Secondary School) है, जो देश का सबसे पुराना प्राइवेट स्कूल है। यह दक्षिण भारत यानी चेन्नई में स्थित है। जिसकी स्थापना 1715 में हुई थी। यह स्कूल लगभग 300 साल से भी अधिक पुराना है।

जॉर्ज एंग्लो इंडियन हायर सेकेंडरी स्कूल

वर्तमान की बात करें, तो इस स्कूल में आज भी एडमिशन के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। यहां पढ़ने के लिए बच्चे तरसते हैं। बहुत ही मुश्किल से किसी भी बच्चे को यहां एडमिशन मिल पाता है। देश के इस पहले स्कूल में 1500 से भी अधिक स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। यह आज भी चेन्नई के शेनॉय नगर में संचालित किया जा रहा है। यह स्कूल पूरे देश भर में मशहूर और ऐतिहासिक है।इसका निर्माण करीब 21 एकड़ जमीन में किया गया है। लाल रंग की ईंट से बनीपूरी बिल्डिंग देखने में काफी ज्यादा आकर्षित भी लगती है।

फीस बहुत है कम

बता दें कि इस स्कूल में नर्सरी से 12वीं तक की पढ़ाई होती है, जो कि चेन्नई का सबसे अच्छा स्कूल माना जाता है। यहां दूसरे स्कूल की तुलना में फीस भी काफी कम है। यहां की लाइब्रेरी में आज भी 18वीं सदी की किताबें रखी हुई है। हर साल यहां अपने बच्चों को एडमिशन दिलाने के लिए अभिभावकों की भीड लगी रहती है। यहां से पढ़कर निकलने वाले छात्र देश-दुनिया में नाम कमा रहे हैं। यदि आप भी अपने बच्चे को इस स्कूल में दाखिला दिलवाना चाहते हैं, तो आपको इसके ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा, जहां आपको पूरी जानकारी मिल जाएगी।

दिया जाता है सामाजिक ज्ञान

यहां के बच्चों को हर तरह से निपुण बनाया जाता है। खेल के क्षेत्र से लेकर कला के क्षेत्र में… पढ़ाई से लेकर टेक्नलॉजी… एक्सट्रा एक्टिविटी से लेकर एडवेंचर तक… छात्र आगे बढ़ते हैं। स्कूल में हमेशा सोशल एक्टिविटिज भी करवाई जाती है, ताकि स्कूली शिक्षा के अलावा उन्हें सामाजिक ज्ञान भी मिल सके। यहां चेन्नई के बड़े-बड़े अमीर घरानो के बच्चे भी पढ़ते हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)


About Author
Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

Other Latest News