आज नवनिर्मित गर्भगृह में प्रवेश करेंगे विराजमान रामलला, औषधियुक्त जल से करवाया जाएगा स्नान, शक्कर और फल से होगा अधिवास

Diksha Bhanupriy
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Ram Mandir Pran Pratishtha

Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अनुष्ठान लगातार जारी है। रामलला की मूर्ति मंदिर परिसर में पहुंच चुकी है और इसकी तस्वीरें भी सामने आ गई है। प्रभु के कमल पर विराजित बाल अवतार को देख भक्त भाव विभोर हो गए हैं। फिलहाल रामलला विराजमान को अस्थाई मंदिर में रखा गया है। जहां से उन्हें आज नवनिर्मित मंदिर में प्रवेश करवाया जाएगा। रामलला को प्रवेश करवाने से पहले शक्कर और फल से अधिवास भी होगा।

गर्भगृह में प्रवेश करेंगे रामलला

प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान लगातार चार दिनों से चल रहा है। जिसमें आज पांचवे दिन 81 कलश के माध्यम से औषधि युक्त जल से रामलला के चल विग्रह को स्नान करवाया जाएगा। इसी के साथ अस्थाई मंदिर में विराजमान रामलला की मूर्ति को नवनिर्मित गर्भगृह में प्रवेश करवाया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा को लेकर चल रहे अनुष्ठान में आज सबसे पहले प्रभु को शक्कर और फल से अधिवास करवाया जाने वाला है। इसके बाद हवन, यज्ञ और वेद पारायण जैसे अनुष्ठान होंगे।

अब तक हुए ये कार्यक्रम

शुक्रवार के दिन अनुष्ठान के क्रम में विग्रह शुद्धिकरण के साथ मंत्रों के जरिए प्राण डालने की प्रक्रिया शुरू की गई है। अग्निकुंड में अरणिमंथन के साथ यह पूजा शुरू की गई। इसी के साथ नवग्रह स्थापना और वास्तु पूजन भी हुआ। जलाधिवास में विराजे प्रभु राम को जगाया गया और वेद पारायण हुआ।

ऐसा है प्रभु का रजत विग्रह

बता दें कि अनुष्ठान के सभी कर्म को पूरा करने के लिए रामलला का रजत विग्रह बनाया गया है। जिसमें प्रभु हाथों में धनुष बाण धारण किए योद्धा स्वरूप में दिखाई दे रहे हैं। रजत विग्रह के साथ पूजन विधि इसलिए की जा रही है क्योंकि अचल विग्रह बहुत भारी है और उसे बार-बार एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं ले जाया जा सकता। भगवान का जो राजत विग्रह बनाया गया है। उसका स्वरूप वैसा है जब उन्होंने रावण को मारने के लिए उसकी नाभि पर बाण चलाया था।

भक्तों को कब होंगे दर्शन

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देशभर के श्रद्धालुओं में उत्साह देखने को मिल रहा है। फिलहाल मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम चल रहा है। इस कारण से 20 और 21 तारीख को अस्थाई रूप से मंदिर में दर्शन बंद रहने वाले हैं। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य समारोह है, जिसके चलते केवल अतिथियों को ही मंदिर परिसर में प्रवेश दिया जाएगा। आम श्रद्धालुओं को 23 जनवरी से प्रभु के दर्शन मिलने लगेंगे।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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