आज 21 अगस्त को प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल राज्यसभा में भी पास हो गया है। पहले इसे सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किया गया था। दोनों जगह बिल पास हो चुका है। अब राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद यह बिल कानून का रूप ले लेगा। दरअसल, इस बिल का मुख्य उद्देश्य ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को बढ़ावा देना है, जबकि इस बिल के साथ ही ऑनलाइन बेटिंग और रियल मनी गेमिंग पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी।
यानी एक ओर यह बिल ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देगा, तो दूसरी ओर रियल मनी और बेटिंग जैसे गेम्स को बंद करेगा। ऐसे में अब लोगों के मन में कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। चलिए आज हम आपको इस खबर में समझाते हैं कि ऑनलाइन गेमिंग बिल क्या है और इसकी खास बातें क्या हैं।
जानिए क्या है यह बिल?
बता दें कि इस बिल के साथ ही अब भारत में ई-स्पोर्ट्स को एक आधिकारिक दर्जा मिल जाएगा, जिस पर खेल मंत्रालय द्वारा नियम और गाइडलाइंस जारी की जा सकेंगी। इसके साथ ही इन खेलों के लिए प्रशिक्षण अकादमी और रिसर्च सेंटर की भी स्थापना की जा सकती है। अब ई-स्पोर्ट्स को राष्ट्रीय खेल नीति में शामिल करने के साथ ही प्रोत्साहन योजनाएं चलाने की भी तैयारी की जा रही है। इसके अलावा, इस बिल के साथ ही यह साफ कर दिया गया है कि देश में किसी भी प्रकार के ऑनलाइन जुड़े सट्टा और रियल मनी गेम्स की अनुमति नहीं होगी। इस प्रकार के गेम्स में बैंक और वित्तीय संसाधनों से होने वाले ट्रांजैक्शन पर रोक लगानी होगी।
इन ऐप्स पर लगेगा बैन
दरअसल, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के तहत अब इस प्रकार के बेटिंग और रियल मनी प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक किया जाएगा। सरकार द्वारा यह कदम लत, आर्थिक नुकसान और धोखाधड़ी के अलावा मनी लॉन्ड्रिंग जैसी समस्याओं से बचाने के लिए उठाया गया है। इसका सबसे ज्यादा असर Dream11 जैसे एप्स पर होगा। बता दें कि Dream11 द्वारा टीम इंडिया की टाइटल स्पॉन्सरशिप 44 मिलियन डॉलर में हासिल की गई थी। अब ऐसे में एप्स पर बैन लगने के कारण विज्ञापन क्षेत्र को लगभग 17,000 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है। जबकि बिल में यह भी साफ किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति ऑनलाइन मनी गेमिंग सर्विस ऑफर करता है, तो उसे 3 साल तक की जेल या एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।





