दुनिया का हर एक देश अपने अलग-अलग इतिहास, संस्कृति और धरोहर के लिए जाना जाता है। उनकी खूबियों इन्हें बाकी सभी देशों से अलग बनाती है। कुछ देश क्षेत्रफल के हिसाब से काफी बड़े हैं, तो कुछ देश छोटे हैं। कुछ देश में आबादी काफी अधिक है, तो कुछ देश में आबादी काफी कम है। यहां रहने वाले लोगों को सरकार द्वारा सभी प्रकार की बेसिक सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। पिछले आर्टिकल में हम आपको बहुत सारे देशों के बारे में बता चुके हैं।
आज के आर्टिकल में हम आपको दुनिया के उस देश से रूबरू करवाएंगे, जो कि बेहद अनोखा है। इस देश की आबादी मात्र 33 लोगों की है, जिसे दुनिया का अनोखा छोटा देश कहा जाता है।
तुवालू (Tuvalu)
दरअसल, इस देश का नाम तुवालू है। यह प्रशांत महासागर में हवाई और ऑस्ट्रेलिया के बीच स्थित पोलीनेशियाई द्वीपीय देश है। जिसकी कुल लंबाई मात्र 12 किलोमीटर और चौड़ाई 20 मीटर है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यहां सिर्फ एक एयरपोर्ट, एक अस्पताल और एक ही पुलिस थाना है। इसके पड़ोसी देश किरिबाती बात और फिजी है। इस देश की खासियत है कि यह कुल 9 छोटे-छोटे आईलैंड से मिलकर बना है, जहां की कुल आबादी मीडिया सूत्रों के अनुसार, 12,373 है। इस देश की एक अनोखी बात यह भी बता दें कि साल 2021 में यहां के तत्कालीन विदेश मंत्री ने पानी में खड़े होकर स्पीच दिया था।
समस्या
इस द्वीपीय देश की खोज साल 1568 में हुई थी, जहां गवर्नर जनरल का शासन चलता है। विश्व बैंक के मुताबिक, साल 2016 में तुवालू की कुल जनसंख्या 11,097 थी। जहां करीब 91 % लोग नास्तिक है, जबकि अन्य बचे लोग ईसाई धर्म को मानते हैं। नासा के मुताबिक, साल 2050 तक यहां के कई हिस्से ज्वार में डूब जाएंगे। अक्सर यहां समुद्री पानी के चलते फसलें खराब हो जाती हैं, जिस कारण लोगों के रहने और खाने का संकट पैदा हो जाता है।
टूरिज्म
टूरिज्म की बात करें, तो यह चारों ओर से समद्र से घिरा आईलैंड लोगों का मन मोह लेती है। हालांकि, टूरिस्ट की जनसंख्या बहुत कम है। जिसकी मुख्य वजह पानी की कमी है। यहां के लोगों का मुख्य व्यंजन मछली है। यदि कोई शाकाहारी है, तो उसे भोजन मिलने में काफी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, यहां के स्थानीय आम लोगों को कार रखने की इजाजत नहीं होती है। केवल अधिकारी वर्ग के लोग ही खुद के पास कार रख सकते हैं।





