भारत में उत्तर से लेकर दक्षिण तक पूर्व से लेकर पश्चिम तक हर एक इलाका किसी- न- किसी चीज के लिए मशहूर है। कुछ क्षेत्र यहां ऐसे भी है, जो देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है, जिन्हें देखने के लिए दुनिया भर के पर्यटक आते हैं। इससे टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलता है। साथ ही आर्थिक व्यवस्था को भी मजबूती मिलती है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इन जगहों को और अधिक विकसित करने में जुटी हुई है। यहां कुछ ऐसी चीज भी हैं, जो अपने आप में अनोखी और देश की इकलौती चीज है।
आपने रेगिस्तान के बारे में तो सुना ही होगा, लेकिन आज हम आपको भारत के उस रेगिस्तान से रूबरू करवाने जा रहे हैं, जो कि देश का इकलौता रेगिस्तान है। यह एक ऐसी जगह होती है, जहां वर्षा बहुत ही कम मात्रा में होती है।

जीवनयापन करना होता है कठिन
सुखा वातावरण के कारण यहां जीवनयापन करना बहुत ही कठिन माना जाता है। बता दें कि यहां के रेत इतने ज्यादा गर्म होते हैं कि इसपर बिना जूते-चप्पल के चलने पर पांव जल सकते हैं। यह ऐसा क्षेत्र है, जहां बहुत ही अधिक गर्मी पड़ती है। इसके अलावा दिन और रात के तापमान में भी बहुत ज्यादा अंतर देखने को मिलता है। यहां की मिट्टी उपजाऊ नहीं होती। यहां अधिकतर कैक्टस का पौधा आदि देखने को मिलते हैं।
भारत का एकमात्र रेगिस्तान
आज हम आपको जिस रेगिस्तान के बारे में बताने जा रहे हैं, वह भारत का केवल इकलौता रेगिस्तान ही नहीं, बल्कि देश का सबसे बड़ा रेगिस्तान भी है। यहां विशाल रेत के टिले, समृद्ध संस्कृति और इतिहास का अनोखा संगम देखने को मिलेगा। इस रेगिस्तान का नाम थार है। यह मुख्त: राजस्थान में स्थित है, लेकिन इसका कुछ हिस्सा गुजरात, हरियाणा और पंजाब में भी फैला हुआ है। यह विशाल टिलों के अलावा शुष्क जलवायु के लिए जाना जाता है।
ऊंट की सवारी करते हैं पर्यटक
भारत का एकमात्र थार रेगिस्तान (Thar Desert) लगभग 2 लाख 80 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यहां आने वाले पर्यटक अवश्य ही ऊंट की सवारी करते हैं। इसके अलावा, यहां पर रेगिस्तान त्यौहार मनाया जाता है, जो कि यहां की अनोखी परंपरा को प्रदर्शित करते हैं। इसका समृद्ध इतिहास प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यताओं से जुड़ा हुआ है। इस रेगिस्तान में दूर-दूर तक बालू टिल्ले दिखाई देते हैं। गर्मी के मौसम में यहां का तापमान इतना बढ़ जाता है कि रेत गर्म होकर उबलने लगता हैं। वहीं, ठंड के मौसम में यहां का तापमान काफी नीचे गिर जाता है।
मीलों की दूरी पर बसे हैं गांव
यहां की आबादी बहुत ही कम है। मिलो की दूरी पर गांव बसे हैं। यहां की खास बात है कि स्थानीय लोग पशुपालन का काम करते हैं। यहां रहने वाले लोगों को पानी भी काफी दूर से लेने जाना पड़ता है। यहां हमेशा ही रेगिस्तानी तुफान आता रहता है।