विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के विरोध में शुक्रवार को संसद भवन परिसर में मार्च निकाला। इस दौरान उन्होंने प्रतीकात्मक रूप से एसआईआर लिखे पोस्टर फाड़कर कूड़ेदान में डाले और एसआईआर वापस लो व तानाशाही नहीं चलेगी के नारे लगाए।
विरोध मार्च महात्मा गांधी की प्रतिमा से शुरू होकर संसद भवन के मकर द्वार तक गया। इसमें कांग्रेस के नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, प्रियंका गांधी वाद्रा के साथ-साथ समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और अन्य दलों के सांसद शामिल हुए। सांसदों ने एक बैनर भी प्रदर्शित किया, जिस पर ‘एसआईआर- लोकतंत्र पर वार’ लिखा था।
एसआईआर लिखे पोस्टर फाड़कर डाले
विपक्षी नेताओं ने प्रतीकात्मक विरोध के तहत एक कूड़ेदान रखा और उसमें एसआईआर लिखे पोस्टर फाड़कर डाले। खरगे और राहुल गांधी सहित कई सांसदों ने इस प्रतीकात्मक कार्रवाई में हिस्सा लिया। विपक्ष ने मांग की कि इस मुद्दे पर संसद में तत्काल चर्चा होनी चाहिए, क्योंकि यह लोकतंत्र के लिए खतरा है।
गरीबों के मताधिकार को छीनने की कोशिश
मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह गरीबों के मताधिकार को छीनने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग का दावा है कि एसआईआर सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे देश में मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण होगा। यह लोकतंत्र के खिलाफ कदम है और इसे रोका जाना चाहिए।”





