राज्यसभा में बुधवार को बीजू जनता दल (बीजद) सांसद सस्मित पात्रा ने सरकार से सवाल किया कि क्या उसने अमेरिकी प्रशासन से औपचारिक रूप से यह स्पष्ट करने की कोशिश की है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान के साथ संघर्षविराम का सार्वजनिक रूप से जिक्र क्यों करते हैं। ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान पात्रा ने कहा कि भारत ने अमेरिका से पूछा जाना चाहिए कि ट्रंप बिना किसी सक्रिय भूमिका के ऐसे दावे क्यों करते हैं, जबकि सरकार का कहना है कि 22 अप्रैल से 17 जून 2025 तक अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारतीय प्रधानमंत्री को कोई फोन कॉल नहीं किया।
विपक्षी नेताओं ने पहलगाम आतंकी हमले पर भी सवाल उठाए। शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत ने हमले की विफलता के लिए गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की, जबकि सपा के जावेद अली खान ने कहा कि चर्चा हमले के कारणों पर होनी चाहिए, न कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर। निर्दलीय सांसद अजीत कुमार भुयान ने पूछा कि ट्रंप ने युद्धविराम की घोषणा कैसे की, जबकि सरकार ने हमले में आतंकियों की घुसपैठ पर कोई जवाब नहीं दिया।
ट्रंप की बातों पर भरोसा
भाजपा सांसद अशोकराव चव्हाण ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वह ट्रंप की बातों पर भरोसा करता है, लेकिन सरकार और सशस्त्र सेनाओं पर नहीं। भाजपा के दिनेश शर्मा ने ऑपरेशन सिंदूर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ नये भारत का प्रतीक बताया। वहीं, शिवसेना (उबाठा) की प्रियंका चतुर्वेदी ने पहलगाम हमले को खुफिया विफलता करार देते हुए आंतरिक जवाबदेही तय करने की मांग की।
ट्रंप के दावों पर जवाब मांगा
आईयूएमएल के हारिस बीरन और बीआरएस के केआर सुरेश रेड्डी ने भी ट्रंप के दावों पर सरकार से जवाब मांगा। रेड्डी ने कहा कि यदि ऑपरेशन सिंदूर कुछ दिन और चलता तो दुश्मन पूरी तरह तबाह हो जाता। चर्चा में भाजपा की किरण चौधरी और रेखा शर्मा ने भी हिस्सा लिया। विपक्ष ने पाकिस्तान के साथ क्रिकेट संबंध पूरी तरह बंद करने की भी मांग की।





