Old Pension Scheme 2022 : राजस्थान-छत्तीसगढ़ जैसे कांग्रेस शासित राज्यों में ओपीएस लागू होने के बाद अब 2024 के आम चुनावों से पहले देशभर में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली की मांग तेज हो चली है। विपक्ष और केन्द्रीय कर्मचारियों द्वारा की जा रही मांग के बीच अब प्रधानमंत्री की इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल (EAC to PM) के मेंबर संजीव सान्याल (Sanjeev Sanyal) का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने इस पर चिंता जताते हुए इसे भविष्य की पीढ़ियों के लिए बड़ा खतरा बताया है।
एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री की इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल (EAC to PM) के मेंबर संजीव सान्याल (Sanjeev Sanyal) ने कहा कि बिना फंड वाली पेंशन योजनाएं अंततः भविष्य की पीढ़ियों के लिए नुकदायक होती है, ओपीएस के तहत पूरी पेंशन सरकार देती थी,नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10% और राज्य सरकार 14% योगदान करती है।ऐसे में पिछले कुछ दशकों में बड़ी मुश्किल से किए गए पेंशन सुधारों में परिवर्तन से बहुत सावधान रहना चाहिए।
संजीव सान्याल ने आगे कहा कि वर्तमान में वैश्विक अर्थव्यवस्था और अंतर्राष्ट्रीय हालातों को देखते हुए ओपीएस को लेकर 2023 में भी परिस्थितियां सही नहीं होंगी। हालांकि उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को ज्यादा खतरा नहीं बताया।उनके मुताबिक भारत कई सालों तक 9 फीसदी की इकोनॉमिक ग्रोथ रेट हासिल कर सकता है।बता दे कि इसके पहले नीति आयोग के मेंबर्स का भी बयान सामने आ चुका है।
संसद में भी उठा था सवाल
हाल ही में संसद में शीतकालीन सत्र के दौरान ओपीएस पर जावेद अली खान, राम नाथ ठाकुर और नीरंज शेखर ने केन्द्र सरकार से सवाल पूछा था क्या पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने अगस्त, 2022 के दौरान व्यय विभाग (Department of Expenditure- DOE) को 01/01/2004 के पूर्व जारी किए गए भर्ती संबंधी विज्ञापनों के आधार पर OPS के तहत केंद्र सरकार के उन कर्मचारियों जिन्हें 01/01/2004 के पूर्व या बाद में नियुक्त किया गया था, को कवरेज प्रदान करने वाले सामान्य कार्यकारी आदेश जारी करने के लिए व्यय विभाग की सहमति/टिप्पणी क्या है।
केन्द्रीय मंत्री ने दिया था ये जवाब
इस पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जवाब देते हुए कहा था कि दिल्ली हाईकोर्ट के आदेशों के विरुद्ध यूनियन ऑफ इंडिया द्वारा दायर किए गए कुछ SLP/रिव्यू पिटीशंस को सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज करने के बाद उन सरकारी कर्मचारियों को, जिनकी चयन प्रक्रिया 1-1-2004, के बाद पूरी हुई थी, पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की अनुमति देने के संबंध में सामान्य आदेश जारी करने लिए, DOE को अगस्त 2022 में एक संदर्भ भेजा गया था, इस विभाग द्वारा अगस्त 2022 गए संदर्भ में डीओई ने अक्टूबर 2022 में अपनी टिप्पणियां भेजी हैं।इस संबंध में जनरल इंस्ट्रक्शन जारी करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
NPS-OPS पर सरकार का स्टेटमेंट
वित्त मंत्रात्रय (डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स) के दिनांक 22 दिसंबर, 2003 की नोटिफिकेशन द्वारा केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को लागू किया गया था, दिनांक 01 जनवरी, 2004 से केंद्र सरकार सेवा में सभी नई भर्तियों (आर्म्ड फोर्स को छोड़कर) के लिए एनपीएस अनिवार्य है। दिनांक 22.12.2003 की नोटिफिकेशन के स्पेसिफिक प्रोविजन को ध्यान में रखते हुए, OPS या NPS के अंतर्गत कवर करने के त्रिए पात्रता निर्धारित करने के लिए रिक्तियों के लिए दिए गए विज्ञापन की तारीख को रिलेवेंट नहीं माना जाता है।
4 राज्यों में लागू, हिमाचल में भी तैयारी
बता दें कि कांग्रेस शासित राज्यों में राजस्थान और छत्तीसगढ़ पहले ही पुरानी पेंशन योजना को लागू कर चुके हैं और अब सत्ता में आने के बाद कांग्रेस हिमाचल प्रदेश में भी पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की तैयारी में है।इसका प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में आएगा। इधर, झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने भी ओपीएस को वापस करने का फैसला किया है, जबकि आम आदमी पार्टी शासित पंजाब ने हाल ही में ओपीएस को फिर से लागू करने की मंजूरी दी है।