उत्तराखंड में पूर्व सैनिकों ने श्रीनगर गढ़वाल में केंद्र सरकार से वन रैंक वन पेंशन स्कीम की विसंगतियों को ठीक करने की मांग की है। इसके साथ ही पूर्व सैनिकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा है कि जल्द ही यदि कोई निर्णय लिया गया तो 2024 के लोकसभा चुनाव का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया जाएगा। दरअसल आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए पूर्व सैनिकों द्वारा मुद्दे की प्रतिक्रिया में तेजी लाई गई है।
सरकार के खिलाफ आक्रोश
उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल में पूर्व सैनिकों द्वारा सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया गया है। स्थानीय गोला पार्क में पूर्व सैनिकों द्वारा इकट्ठा होकर धरना प्रदर्शन किया गया। इस दौरान वन रैंक वन पेंशन विसंगतियों की मांग को ठीक करने की मांग करते हुए पूर्व सैनिकों ने केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली पर आक्रोश व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि वन रैंक वन पेंशन में किया गया फेरबदल पूर्व सैनिकों को पूर्ण रूप से आहत करने वाला है।पेंशनर्स का कहना है कि सरकार जल्द ही आरोपी में विसंगतियों को दूर नहीं करती तो इसका खामियाजा सरकार को भुगतना होगा। इसलिए जल्द से जल्द सकारात्मक कदम उठाने चाहिए।
वन रैंक वन पेंशन के रिवीजन को केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी
इससे पहले दिल्ली के जंतर मंतर में पूर्व सैनिकों द्वारा वन रैंक वन पेंशन योजना की विसंगतियों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। इस आंदोलन के समर्थन में भी पूर्व सैनिक द्वारा प्रदर्शन किया गया है। इससे पहले 23 दिसंबर को वन रैंक वन पेंशन के रिवीजन को केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी दी गई थी। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि 20 लाख से अधिक पेंशनर्स को इसका लाभ मिल रहा था। अब संशोधन के बाद 25 लाख पेंशनर्स को वन रैंक वन पेंशन योजना का लाभ दिया जाएगा।
केंद्र सरकार पर 8500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ
हालांकि वन रैंक वन पेंशन के संशोधन को मंजूरी देने के बाद केंद्र सरकार पर 8500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ देखने को मिलेगा। 1 जुलाई 2014 के बाद सेवानिवृत्त हुए सुरक्षाकर्मियों को मिलाकर वन रैंक वन पेंशन के लाभार्थियों की संख्या 25 लाख पहुंच गई है। इससे पहले यह संख्या 20 लाख थी। वहीं जिन रक्षा कर्मियों द्वारा 1 जुलाई 2014 के बाद अपनी इच्छा से सेवानिवृत्ति लिया गया है। उन्हें यह लाभ नहीं मिलेगा। इसका लाभ परिवार पेंशन धारकों के साथ ही युद्ध में शहीद हुए जवानों की विधवाओं और दिव्यांग पेंशन धारकों को भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसे एक जुलाई 2019 से लागू किया गया है। इतना ही नहीं जुलाई 2019 से जून 2022 तक की अवधि के एरियर और बकाया भी पेंशनर्स को उपलब्ध कराए जाएंगे।
OROP बकाए के भुगतान के लिए 15 मार्च तक का समय
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट सशस्त्र बलों के सभी पात्र पेंशनर्स को वन रैंक वन पेंशन के बकाए के भुगतान के लिए केंद्र सरकार को 15 मार्च तक का समय दिया गया है। हालांकि केंद्र सरकार द्वारा 3 महीने अतिरिक्त की मांग की गई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार 15 मार्च तक मोदी सरकार को सशस्त्र बलों के एरियर का भुगतान करना अनिवार्य किया गया है। मुख्य न्यायाधीश की पीठ द्वारा केंद्र को सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि सशस्त्र बलों के पेंशनर्स को सभी बकाया राशि का भुगतान तेजी से किया जाए और आगे इसमें किसी भी तरह की देरी ना हो।
बता दे कि वन रैंक वन पेंशन के एरियर के भुगतान के लिए केंद्र की कार्रवाई से असंतुष्ट महसूस करने के पूर्व सैनिक संघ द्वारा आवेदन दायर कर दी गई थी। केंद्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दिए गए जवाब के मुताबिक हिसाब की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। वही अंतिम मंजूरी के लिए उसे रक्षा मंत्रालय भेजा गया था अब सुप्रीम कोर्ट की तरफ से 15 मार्च तक सशस्त्र बलों के 2500000 पेंशनर्स के खाते में एरियर की राशि के भुगतान के निर्देश दिए गए हैं। केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया है कि सशस्त्र बलों को 15 मार्च तक इसकी राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। इससे पेंशनर्स को एरियर के रूप में 80 हजार से 1 लाख रुपए तक का लाभ मिलेगा।