पूर्व कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, पेंशन एरियर का भुगतान जल्द, मिलेगा लाभ, खाते में आएगी एकमुश्त राशि, पेंशनर्स की नई तैयारी
वन रैंक वन पेंशन योजना के तहत सेना से रिटायर हुए कर्मचारी अधिकारी को समान रैंक समान पेंशन योजना का लाभ दिया जाता है। 2006 से पहले रिटायर हो चुके हैं और अब रिटायर हो रहे कर्मचारियों को एक समान पेंशन दिए जाने की तरफ से सरकार की ओर से इसकी घोषणा की गई है। इस योजना के तहत 1 किस्त में राशि का भुगतान किया जाता है।
One Rank One Pension Arrear, OROP Arrears : पेंशनर्स के लिए बड़ी खबर है। दरअसल उन्हें 15 मार्च तक एरियर का भुगतान किए जाना है। इसके साथ ही वेतन विसंगति और पेंशन योजना में आ रही विसंगतियों को लेकर कर्मचारियों द्वारा रोष व्यक्त किया जा रहा है। वही अब पेंशनर्स द्वारा बड़ी तैयारी की गई है। इसके तहत पेंशन विसंगतियों के बारे में जानकारी के साथ एक ठोस निर्णय के साथ विचार विमर्श किया गया। वही कहा गया कि 12 मार्च को जंतर मंतर दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 23 दिसंबर 2022 को वन रैंक वन पेंशन योजना को मंजूरी दी गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट द्वारा 2014 के आम चुनाव के दौरान किए गए वादे को पूरा करते हुए इसे मंजूर किया गया था। इस योजना के बंद होने की उम्मीद थी लेकिन एक ही रैंक के सैनिक और महिलाओं द्वारा ली जाने वाली पेंशन के बीच के अंतर को पाटने के लिए बनाया गया था।
भगत सिंह कोश्यारी कमेटी की रिपोर्ट की सिफारिशों को नजरअंदाज करने का आरोप
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बता दे वन रैंक वन पेंशन योजना के लिए लंबे समय से चले आ रहे आंदोलन के बाद 2020 से इस से लेकर विरोध प्रदर्शन तेज हो गया था। वहीं 20 फरवरी को जूनियर कमीशन सहित सेवानिवृत जवानों के 14 यूनियन इसमें शामिल हुए थे। वही देश भर के अधिकारी और गैर कमीशन अधिकारी ने नई दिल्ली में अपने विरोध शुरु किए थे। विरोध कर रहे पूर्व जवानों की मांग थी कि उनके साथ बुरा बर्ताव किया जा रहा है और भगत सिंह कोश्यारी कमेटी की रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करते हुए नजरअंदाज किया जा रहा है।
हालांकि पेंशनर्स के विरोध के बाद वन रैंक वन पेंशन योजना को लागू कर दिया गया था लागू करने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में 15 मार्च तक पेंशनर्स को एकमुश्त राशि के तहत एरियर का भुगतान करने के निर्देश दिए गए थे रक्षा मंत्रालय द्वारा एरियर के भुगतान किए जाने का आदेश जारी किया गया था जिस पर एक बार फिर से पेंशनर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे वह सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय को फटकार लगाई थी जिस पर एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था उसमें कहा गया था कि 15 मार्च को एकमुश्त राशि का भुगतान किया जाएगा।
वन रैंक वन पेंशन योजना के तहत सेना से रिटायर हुए कर्मचारी अधिकारी को समान रैंक समान पेंशन योजना का लाभ दिया जाता है। 2006 से पहले रिटायर हो चुके हैं और अब रिटायर हो रहे कर्मचारियों को एक समान पेंशन दिए जाने की तरफ से सरकार की ओर से इसकी घोषणा की गई है। इस योजना के तहत 4 किस्तों में राशि का भुगतान किया जाता है।
वन रैंक वन पेंशन योजना में काफी विसंगति
हालांकि वन रैंक वन पेंशन योजना में काफी विसंगति भी नजर आ रही है। इस विसंगति को लेकर पूर्व सैनिक द्वारा युद्ध शहीद स्मारक में रोष व्यक्त किया गया था। बिलासपुर में रोष व्यक्त करते हुए पूर्व सैनिकों ने कहा कि शहीद हुए जवान और ऑफिसर की विधवाओं के साथ इस पेंशन योजना में भेदभाव किया जा रहा है।
पूर्व सैनिकों की मांग
हिमाचल प्रदेश पूर्व सैनिक कल्याण और विकास समिति अध्यक्ष कैप्टन बालकराम शर्मा ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन पार्ट 2 के जरिए सिपाही से लेकर कैप्टन तक जो पेंशन कम की गई है, वह बिल्कुल गलत है। शहीद हुए जवान की विधवाओं को 15 से 18 हजार रुपए पेंशन के रूप में प्रदान की जाती है जबकि एक ऑफिसर की विधवा को 60 से 70 हजार रुपए पेंशन के रूप में दिए जा रहे हैं। यह पूरी तरह से भेदभाव पूर्ण नजरिया है। इसके साथ ही मांग किया गया है कि पूर्व सैनिकों को सन 1973 से पहले की पुरानी पेंशन का 70% हिस्सा लागू होना चाहिए। एक समान डिसेबिलिटी पेंशन की भी मांग की जा रही है।
इसके साथ ही नई टिहरी में पूर्व सैनिक कल्याण एसोसिएशन द्वारा वन रैंक वन पेंशन के तहत मिलिट्री सर्विस पे फिक्सेशन, इक्वल डिसेबिलिटी पेंशन विसंगति सहित अन्य मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में जुलूस प्रदर्शन किया गया है। साथ ही राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया है। पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति से सभी प्रकार के पे कमीशन के विसंगति को दूर कराने की मांग की है।
राष्ट्रपति को सौंपे पा गए ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई है कि वन रैंक वन पेंशन में हुई विसंगति को तत्काल दूर किया जाए। वर्ष 1973 से लेकर अब तो 50 सालों में जेसीओ और जवानों के बीच सभी पे कमीशन और वन रैंक वन पेंशन हमेशा भेदभाव किया गया है। अधिकतम फायदा अधिकारी वर्ग को दिया जा रहा है जबकि वन रैंक वन पेंशन 2 में जेसीओ जवानों के बीच बहुत ही विसंगति है, जिसे तत्काल प्रभाव से दूर किया जाना चाहिए।
12 मार्च को जंतर मंतर दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन
वहीं सोमवार को पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें कहा गया है कि कि सैनिकों की पेंशन में हो रही कटौती अभी बढ़ गई है इसके लिए 12 मार्च को जंतर मंतर दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा।
इतना होगा एरियर का भुगतान
- वन रैंक वन पेंशन योजना के रिवाइज्ड पेंशनर के मुताबिक सिपाही को 87000 रूपए एरियर के रूप में प्राप्त होंगे।
- नायक को 30 जून 2022 की स्थिति में 114000 रूपए एरियर के रूप में दिए जाएंगे।
- मेजर को एरियर के रूप में 305000 रूपए दिए जाने है।
- हवलदार को एरियर के रूप में 70000 रूपए का भुगतान किया जाएगा।
- नायब सूबेदार को एरियर के रूप में 108000 रूपए प्रदान किए जाएंगे।
- सब मेजर को एरियर के रूप में 175000 रूपए मिलेंगे।
- ब्रिगेडियर को एरियर के रूप में 5 लाख 5 हजार रुपए प्रदान किए जाएंगे।
- लेफ्टिनेंट कॉलोनल को 455000 रूपए एरियर के रूप में प्रदान किए जाएंगे।
- कॉलोनल को एरियर के रूप में 442000 रूपए प्रदान किए जाएंगे जबकि
- लेफ्टिनेंट जनरल को 432000 रूपए एरियर का भुगतान किया जाएगा
- वही मेजर जनरल को 390000 रूपए एरियर के रूप में उपलब्ध कराए जाएंगे।
OROP पेंशन के कुछ प्रमुख लाभ
- विभाग ने सुझाव दिया है कि इस पेंशन योजना के माध्यम से सशस्त्र सेवाओं के सदस्यों को समान रूप से पेंशन वितरित की जानी चाहिए।
- 2013 में सेवानिवृत्त हुए व्यक्तियों के लिए पेंशन आधार का उपयोग करके पूर्व सेवानिवृत्त लोगों के लिए पेंशन की पुनर्गणना की जाएगी।
- यह योजना इस विभाग में मौजूदा पेंशन और पिछले पेंशनरों पर लागू होने वाली पेंशन दर के बीच के अंतर को बंद करने की मांग करती है।
- 2013 में समान रैंक और समान वर्षों की सेवा वाले सेवानिवृत्त सैन्य कर्मचारियों के लिए, न्यूनतम और अधिकतम पेंशन के लिए आधारभूत औसत की गणना की गई थी।