Thu, Dec 25, 2025

Pahalgam Terrorist Attack: सुप्रीम कोर्ट की याचिकाकर्ता को फटकार, “‘क्या आप सुरक्षा बलों का मनोबल गिराना चाहते हैं?”

Written by:Atul Saxena
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बेसरन घाटी में 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने पर्यटकों पर कायराना हमला कर 26 लोगों की नृशंस हत्या कर दी थी। इसी घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी, जिसे सुनने से कोर्ट ने इंकार कर दिया।
Pahalgam Terrorist Attack: सुप्रीम कोर्ट की याचिकाकर्ता को फटकार, “‘क्या आप सुरक्षा बलों का मनोबल गिराना चाहते हैं?”

Pahalgam Terrorist Attack: पहलगाम आतंकवादी हमले की न्यायिक जांच की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई से इंकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार लगाई है, कोर्ट ने कहा आपको विषय की गंभीरता को समझना चाहिए, आज पूरा देश आतंकवाद से लड़ने के लिए साथ खड़ा है, कोर्ट ने पूछा क्या आप  सुरक्षा बलों का मनोबल गिराना चाहते हैं?

जस्टिस सूर्यकांत और एनके सिंह की पीठ ने पहलगाम हमले की जांच की निगरानी के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश की मांग करने वाले याचिकाकर्ता को जमकर फटकार लगाई। सर्वोच्च अदालत ने कहा इस तरह की याचिका दायर करने से पहले मामले की गंभीरता को समझना चाहिए था, हमारे बलों का मनोबल मत तोड़ो,  ऐसी याचिकाओं के लिए यह सही समय नहीं है।

याचिकाकर्ता से कहा थोड़ा जिम्मेदार बनिए

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों की घटना की न्यायिक जाँच की मांग गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचिका सुनने से इंकार कर दिया, अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा थोड़ा जिम्मेदार बनिए, इस मुश्किल घड़ी में देश का हर नागरिक आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट है।

जज आतंकी मामलों के विशेषज्ञ नहीं हैं

बेंच ने आगे कहा, जज आतंकी मामलों के विशेषज्ञ नहीं हैं, कोर्ट ने याचिकाकर्ता को ऐसे मामलों को न्यायिक दायरे में नहीं लाने का निर्देश दिया, कोर्ट ने याचिकाकर्ता से याचिका वापस लेने के लिए कहा, कोर्ट की फटकार के बीच याचिकाकर्ता वकील ने देश में अन्य हिस्सों में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों कई सुरक्षा का मुद्दा उठाया जिसपर भी कोर्ट ने नाराजगी जताई।

याचिकाकर्ता ने वापस ली याचिका 

बेंच ने कहा अप पहले ते तय कर लें आप मांग कर रहे हैं , पहले आपने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से पहलगाम हमले की जाँच की मांग की, फिर फिर गाइड लाइन, फिर मुआवजा और प्रेस काउन्सिल को निर्देश देने की मांग करते हैं और अब छात्रों की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं, कोर्ट ने कहा याचिकाकर्ता चाहें तो कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट जा सकते हैं, बाद में याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली।