जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए, के बाद भारत ने 1960 का सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया। PM मोदी के सख्त बयान “आतंकी और उनके समर्थकों को नहीं छोड़ेंगे” के बाद भारत ने पानी रोकने का फैसला किया। पाकिस्तान ने तुरंत धमकी दी, “सिंधु के पानी को रोकना या मोड़ना युद्ध की कार्रवाई होगी”। उसने वाघा बॉर्डर बंद किया और भारतीय विमानों के लिए हवाई रास्ते रोके। भारत ने भी अटारी बॉर्डर सील कर पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने को कहा। ये तनाव अब चरम पर है।
पहलगाम में 26 पर्यटकों की जान लेने वाला आतंकी हमला भारत-पाकिस्तान रिश्तों में नया तूफान लाया है। भारत ने हमले के पीछे “सीमा पार आतंकवाद” का हाथ बताया और 23 अप्रैल को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में बड़ा फैसला लिया। 1960 का सिंधु जल समझौता, जो पाकिस्तान को इंडस, झेलम और चिनाब नदियों का 80% पानी देता है, रद्द कर दिया गया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता, समझौता रुकेगा”। जवाब में, पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ ने 24 अप्रैल को नेशनल सिक्योरिटी कमेटी की बैठक बुलाई और धमकी दी, “पाकिस्तान को मिलने वाले पानी को रोकने या मोड़ने का कोई भी प्रयास, या निचले तटीय इलाकों के हक छीनना युद्ध माना जाएगा”। पाकिस्तान ने वाघा बॉर्डर बंद किया, भारतीय विमानों के हवाई रास्ते रोके, और शिमला समझौता रद्द करने की बात कही। भारत ने अटारी बॉर्डर बंद कर, पाकिस्तानी वीजा रद्द कर, और दूतावास के सैन्य सलाहकारों को निकालकर जवाब दिया। ये तनाव 2019 के बालाकोट संकट के बाद सबसे बड़ा है।

पाकिस्तान की धमकी का मतलब
पाकिस्तान का कहना है कि सिंधु जल समझौता उसकी जिंदगी की रेखा है। इंडस, झेलम और चिनाब नदियां उसके 23% राष्ट्रीय आय और 68% ग्रामीण आबादी के लिए जरूरी हैं। इन नदियों से 154.3 मिलियन एकड़-फीट पानी मिलता है, जो खेती और पीने के लिए इस्तेमाल होता है। पाकिस्तान के डिप्टी PM इशाक दार ने कहा, “भारत ने बिना सबूत हमले का दोष मढ़ा। पानी रोकना युद्ध की शुरुआत होगी”। पाकिस्तान ने UN सिक्योरिटी काउंसिल में शिकायत करने की बात कही और कहा कि वो पूरी ताकत से जवाब देगा। लेकिन जानकारों का कहना है कि भारत अभी पूरी तरह पानी नहीं रोक सकता, क्योंकि उसके पास बांधों की कमी है। फिर भी, भारत रन-ऑफ-रिवर प्रोजेक्ट्स बना सकता है, जो पानी का प्रवाह थोड़ा कम कर सकते हैं। पाकिस्तान की धमकी को दबाव की रणनीति माना जा रहा है, क्योंकि उसकी अर्थव्यवस्था पहले से कमजोर है और पानी की कमी उसे और तोड़ सकती है।
हमलावरों को बख्शा नहीं जाएगा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “हमलावरों को बख्शा नहीं जाएगा”। सिंधु जल समझौता रद्द करने के अलावा, भारत ने अटारी बॉर्डर बंद किया, जिससे सालाना 20,000 करोड़ का व्यापार रुक गया। पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने को कहा गया, और नई दिल्ली में पाकिस्तानी दूतावास के सैन्य सलाहकारों को निकाला गया। भारत ने इस्लामाबाद से अपने सलाहकारों को भी वापस बुलाया। खुफिया जानकारी के मुताबिक, PoK में 42 आतंकी लॉन्चपैड्स हैं, जहां 130 आतंकी घुसपैठ की फिराक में हैं। भारत की सेना हाई अलर्ट पर है। पानी रोकने का फैसला लंबे समय में पाकिस्तान की खेती को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन भारत को भी विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।