राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार राजस्थान के दलित समाज से जुड़े लोगों को सरकारी खर्चे पर लंदन घुमाएगी, जहां वे बाबा अंबेडकर के उस घर को देखेंगे, जहां रहते हुए उन्होंने लॉ की पढ़ाई पूरी की थी। हाल ही में सरकार द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर पंच तीर्थ योजना लॉन्च की गई है। इस योजना के अंतर्गत लगभग 50 लोगों को भारत के अलग-अलग प्रदेशों में घुमाया जाएगा। इस यात्रा में डॉक्टर अंबेडकर से जुड़े स्थानों का भ्रमण कराया जाएगा।
इस योजना में जिन लोगों का चयन किया जाएगा, उन्हें लंदन भी भेजा जाएगा। इस पूरी योजना की जिम्मेदारी सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय को सौंपी गई है। जैसे ही इस योजना का ऐलान हुआ है, विदेश में बसे दलित समाज में उत्साह देखने को मिल रहा है। चलिए जानते हैं इस योजना से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी।

पहला स्थान डॉक्टर अंबेडकर की जन्मभूमि
डॉ. आंबेडकर पंच तीर्थ योजना के तहत पांच स्थानों को चुना गया है। पहला स्थान डॉक्टर अंबेडकर की जन्मभूमि महू है, जहां उनका जन्म हुआ था। यहीं से यात्रा का पहला चरण शुरू होगा।
दूसरा स्थान दीक्षाभूमि, नागपुर
दूसरा स्थान दीक्षाभूमि, नागपुर को रखा गया है। यह भारत के प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। यहीं पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने 14 अक्टूबर 1956 को बौद्ध धर्म की दीक्षा प्राप्त की थी। महाराष्ट्र सरकार द्वारा इस दीक्षाभूमि को एक क्लास पर्यटन क्षेत्र का दर्जा भी मिल चुका है।
तीसरे तीर्थ स्थल के रूप में महापरिनिर्वाण भूमि
तीसरे तीर्थ स्थल के रूप में महापरिनिर्वाण भूमि, दिल्ली को चुना गया है। इस स्थल पर जाकर उनके अनुयायी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
चौथे तीर्थ स्थल के रूप में चैत्यभूमि
चौथे तीर्थ स्थल के रूप में चैत्यभूमि को चुना गया है, जो मुंबई में स्थित है। इसे अंबेडकर स्मारक हिंदू मिल कंपाउंड के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की समाधि बनी हुई है। इसी के ऊपर एक स्मारक भी बनाया गया है। इसे भी महाराष्ट्र सरकार की ओर से ए-ग्रेड पर्यटन और तीर्थ स्थल का दर्जा मिला है।
पांचवां और अंतिम तीर्थ लंदन का घर
इस यात्रा का पांचवां और अंतिम तीर्थ लंदन का वह घर होगा, जहां बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने वकालत की पढ़ाई पूरी की थी। बता दें कि लंदन में स्थित इस घर को भारत सरकार ने खरीदकर विकसित किया है।
दरअसल इसके लिए आवेदन करने के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की साइट पर इसका लिंक दिया जाएगा, जिससे आवेदन किया जा सकता है। हर जिले की मॉनीटरिंग भी की जाएगी। इसमें दलित समाज के लोग योग्य होंगे।