संसद के मॉनसून सत्र का पहला सप्ताह हंगामे की भेंट चढ़ने के बाद अब सोमवार से पहलगाम हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर तीखी बहस की संभावना है। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़े इन मुद्दों पर आमने-सामने होंगे। गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर सरकार का पक्ष रखेंगे, जबकि विपक्षी नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अखिलेश यादव सरकार पर हमला बोल सकते हैं।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इसके बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर भारत के हमले चर्चा का केंद्र होंगे। विपक्ष इस हमले में कथित खुफिया चूक और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान मध्यस्थता के दावों को लेकर सरकार को घेरेगा। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर को 100 प्रतिशत सफल बताते हुए भारत की नयी आतंकवाद-विरोधी नीति और स्वदेशी हथियारों की क्षमता की सराहना की है।
16 घंटे की होगी बहस
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने बताया कि दोनों सदनों में इन मुद्दों पर 16 घंटे की बहस होगी, जो सामान्य से अधिक है। सत्तारूढ़ गठबंधन अनुराग ठाकुर, सुधांशु त्रिवेदी और ऑपरेशन सिंदूर के बाद 30 से अधिक देशों में भारत का पक्ष रखने वाले प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों जैसे श्रीकांत शिंदे और संजय झा को मैदान में उतारेगा। विपक्ष की ओर से शशि थरूर को बोलने का मौका मिल सकता है, हालांकि उनकी पार्टी के साथ तनाव इसकी संभावना पर सवाल उठाता है।
SIR पर भी चर्चा की मांग
विपक्ष ने बिहार में निर्वाचन आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर भी चर्चा की मांग की है, जिसे लेकर सत्र का पहला सप्ताह बाधित रहा। विपक्ष का आरोप है कि यह कवायद सत्तारूढ़ गठबंधन को लाभ पहुंचाने के लिए है, जबकि आयोग का कहना है कि इसका उद्देश्य केवल पात्र मतदाताओं को सुनिश्चित करना है। रीजीजू ने कहा कि इस मुद्दे पर बाद में नियमों के अनुसार निर्णय लिया जाएगा।




