आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और जनसेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने आज रुशिकोंडा पहाड़ी पर स्थित विवादास्पद संरचनाओं का निरीक्षण किया। यह स्थल लंबे समय से राजनीतिक और पर्यावरणीय बहस का केंद्र रहा है। मंत्रियों और पार्टी नेताओं के साथ कल्याण ने इन शानदार इमारतों का दौरा किया, जो पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के कार्यकाल में बनाई गई थीं। यह परियोजना, जिसे आधिकारिक तौर पर पर्यटन रिसॉर्ट के रूप में नामित किया गया है, कई वर्षों से विवाद का विषय रही है।
टीडीपी-जनसेना गठबंधन ने आरोप लगाया है कि यह रिसॉर्ट पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के लिए निजी आवास के रूप में 500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया था। पवन कल्याण के निरीक्षण के दौरान इमारत के कुछ हिस्सों में प्लास्टर के छीलने और पानी के रिसाव जैसी समस्याएं सामने आईं। उन्होंने बताया कि जहां पहले की रिसॉर्ट्स इस पहाड़ी पर प्रति वर्ष 7 करोड़ रुपये की आय अर्जित करती थीं, वहीं नई इमारत का केवल बिजली का बिल ही 1.8 करोड़ रुपये है।
सार्वजनिक धन का दुरुपयोग
उपमुख्यमंत्री ने पूर्व प्रशासन पर सार्वजनिक धन के दुरुपयोग और तटीय नियमन क्षेत्र (सीआरजेड) नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया। उन्होंने वाईएसआरसीपी पर पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील पहाड़ी को नुकसान पहुंचाकर निजी उपयोग के लिए महल बनाने का आरोप लगाया। कल्याण ने इस परियोजना की लागत और उद्देश्य पर पारदर्शिता लाने के लिए आगामी विधानसभा सत्र में इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की घोषणा की।
आंध्र प्रदेश की राजनीति गरमाई
पवन कल्याण का यह दौरा और उनकी टिप्पणियों ने रुशिकोंडा विवाद को फिर से सुर्खियों में ला दिया है, जो पिछली सरकार के कथित भ्रष्टाचार और अति का प्रतीक बन गया है। यह मामला आंध्र प्रदेश की राजनीति में और अधिक बहस को जन्म दे सकता है।





