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Tue, Dec 16, 2025

बार-बार होने वाले मतदान से थकान महसूस कर रहे लोग, एक देश-एक चुनाव को लेकर पीयूष गोयल ने क्या कहा

Written by:Mini Pandey
Published:
गोयल ने जिला से लेकर राज्य स्तर तक के संगठनों से आग्रह किया कि वे इस प्रस्ताव के समर्थन में एक अखिल भारतीय कार्य समिति बनाएं। उन्होंने व्यापारिक समुदाय से एकजुट होकर इस पहल को हर भारतीय तक पहुंचाने की अपील की।
बार-बार होने वाले मतदान से थकान महसूस कर रहे लोग, एक देश-एक चुनाव को लेकर पीयूष गोयल ने क्या कहा

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को एक राष्ट्र, एक चुनाव की वकालत करते हुए कहा कि बार-बार होने वाले मतदान से लोग थकान महसूस करते हैं। नई दिल्ली में आयोजित उद्यमी और व्यापारी नेतृत्व शिखर सम्मेलन में बोलते हुए गोयल ने कहा कि यह प्रस्ताव लोकसभा और सभी राज्य विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने का है, जिससे चुनावों की आवृत्ति, प्रशासनिक लागत और बाधाओं को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि इससे मतदाता भागीदारी बढ़ेगी और शासन में सुधार होगा, साथ ही यह लागत प्रभावी भी होगा।

गोयल ने बताया कि बार-बार होने वाले चुनावों के कारण प्रशासनिक कार्य अक्सर रुक जाते हैं, खासकर जब आचार संहिता लागू होती है। उन्होंने आंध्र प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों का उदाहरण दिया, जहां एक साथ होने वाले चुनावों में मतदाता भागीदारी अधिक रहती है। गोयल ने जिला से लेकर राज्य स्तर तक के संगठनों से आग्रह किया कि वे इस प्रस्ताव के समर्थन में एक अखिल भारतीय कार्य समिति बनाएं। उन्होंने व्यापारिक समुदाय से एकजुट होकर इस पहल को हर भारतीय तक पहुंचाने की अपील की।

व्यापक बदलावों की जरूरत

हालांकि, इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए व्यापक बदलावों की जरूरत होगी, जिसमें अनुमानित 18 कानूनी संशोधन, जिनमें 15 संवैधानिक संशोधन शामिल हैं, आवश्यक होंगे। भाजपा जहां इसे लागत बचत और बेहतर शासन से जोड़ती है, वहीं विपक्षी दलों ने इसे लोकतंत्र विरोधी और असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि यह राज्यों की स्वायत्तता को कमजोर करता है। विपक्ष का कहना है कि यह कदम संघीय ढांचे और लोकतांत्रिक संरचना के लिए खतरा है।

निर्वाचन आयोग की सराहना

इसके अलावा, गोयल ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) के लिए निर्वाचन आयोग की सराहना की, जो गैर-नागरिकों को रोकने और पात्र मतदाताओं को शामिल करने के लिए है। हालांकि, विपक्ष ने इसे कुछ मतदाताओं को अलग करने की साजिश बताया है। गोयल ने एक राष्ट्र, एक चुनाव को प्रधानमंत्री की वोकल फॉर लोकल जैसी राष्ट्रीय पहलों से जोड़ा, जो दर्शाता है कि सरकार इस प्रस्ताव को जनता और प्रभावशाली हितधारकों के समर्थन से लागू करने के लिए दृढ़ है।