साढ़े तीन लाख बंदियों के लिए PM ने मुख्यमंत्रियों और हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों से की ये अपील

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज राज्यों के मुख्यमंत्रियों (chief ministers) और देश की हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों  (Chief Justices of High Courts) को सम्बोधित करते हुए बहुत से विषयों पर बात की। प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन में कोर्ट में स्थानीय भाषाओं के प्रोत्साहन पर जोर दिया वहीं देश में लीगल एजुकेशन में इंटरनेशनल स्टेंडर्ड के मुताबिक बदलाव की बात कही।

दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस, केंद्रीय कानून मंत्री, अन्य मंत्रीगण, देश की सभी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में जहां एक ओर (न्यायपालिका) judiciary की भूमिका संविधान संरक्षक की है, वहीं विधायिका (legislature) नागरिकों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है। मुझे विश्वास है कि संविधान की इन दो धाराओं का ये संगम, ये संतुलन देश में प्रभावी और समयबद्ध न्याय व्यवस्था का रोडमैप तैयार करेगा।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....