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Sun, Dec 7, 2025

Armed Forces Flag Day: पीएम मोदी ने सेना के अदम्य साहस को किया नमन, कृतज्ञता की व्यक्त, देशवासियों से की यह अपील

Written by:Ankita Chourdia
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर वीर जवानों के त्याग और अनुशासन की सराहना की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए नागरिकों से सेना के कल्याण कोष में योगदान देने का आग्रह किया।
Armed Forces Flag Day: पीएम मोदी ने सेना के अदम्य साहस को किया नमन, कृतज्ञता की व्यक्त, देशवासियों से की यह अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सशस्त्र सेना झंडा दिवस’ (Armed Forces Flag Day) के अवसर पर भारतीय सेना के वीर जवानों के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की है। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक संदेश जारी करते हुए देश की रक्षा में तैनात बहादुर पुरुषों और महिलाओं के साहस को नमन किया।

पीएम मोदी ने अपने संदेश में कहा कि हमारे सैनिकों का अनुशासन और संकल्प ही देश की असली ताकत है। उन्होंने लिखा कि सेना का समर्पण कर्तव्य और देशप्रेम का एक सशक्त उदाहरण है, जो हर नागरिक को प्रेरित करता है।

पीएम मोदी का संदेश

प्रधानमंत्री ने अपने पोस्ट में लिखा कि हम उन बहादुर सैनिकों के आभारी हैं जो अटूट साहस के साथ हमारी सीमाओं और राष्ट्र की सुरक्षा करते हैं। उनका मनोबल और संकल्प हमारे लोगों के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है, जिससे हमारा राष्ट्र मजबूत होता है।

“सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर, हम उन बहादुर पुरुषों और महिलाओं के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं जो अटूट साहस के साथ हमारे देश की रक्षा करते हैं। उनका अनुशासन, संकल्प और भावना हमारे लोगों की रक्षा करती है और हमारे राष्ट्र को मजबूत करती है।” — नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

फंड में योगदान की अपील

सैनिकों के सम्मान के साथ-साथ प्रधानमंत्री ने देशवासियों से एक महत्वपूर्ण अपील भी की। उन्होंने नागरिकों को ‘सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष’ (Armed Forces Flag Day fund) में स्वेच्छा से योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया। यह कोष पूर्व सैनिकों, युद्ध विधवाओं और शहीदों के परिवारों के कल्याण और पुनर्वास के लिए उपयोग किया जाता है।

गौरतलब है कि भारत में 1949 से हर साल 7 दिसंबर को सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य देश की सुरक्षा में अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों को याद करना और वर्दीधारी कर्मियों के कल्याण के लिए धन जुटाना है।